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दोहे - रहीम

Question
CBSEENHN9000777

निम्नलिखित दोहों को पड़कर उनका आशय स्पष्ट कीजिये:
रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिये डारि।
जहाँ काम आवे सुई. कहा करे तरवारि ।।

Solution
रहीम जी कहते हैं कि बड़े लोगों को देखकर अर्थात् उनके साथ सम्बन्ध स्थापित करने पर छोटे लोगों का साथ नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि जहाँ सुई काम आती है वहाँ तलवार भी कुछ नहीं कर सकती। अर्थात् प्रत्येक मनुष्य का अपना महत्त्व होता है। समय आने पर सभी उपयोगी सिद्‌ध होते हैं। कवि ने तलवार और सुई के उदाहरण द्वारा यह तथ्य सिद्ध किया है।

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निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
‘मोती, मानुष, चून’ के सदंर्भ में पानी के महत्व को स्पष्ट कीजिए।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहैं कोय।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अघाय।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
दीरघ दोहा अरथ के, आखर थोरे आहिं।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
नाद रीझि तन देत मृग, नर धन हेत समेत।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
जहाँ काम आवे सुई, कहा करे तरवारि।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
पानी गए न ऊबरे, मोती, मानुष, चूना

निम्नलिखित भाव को पाठ में किन पंक्तियों द्वारा अभिव्यक्त किया गया है-
जिस पर विपदा पड़ती है वही इस देश में आता है।

निम्नलिखित भाव को पाठ में किन पंक्तियों द्वारा अभिव्यक्त किया गया है-
कोई लाख कोशिश करे पर बिगड़ी बात फिर बन नहीं सकती।