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दोहे - रहीम

Question
CBSEENHN9000750

निम्नलिखित दोहों को पढ़कर उनका शिल्प सौन्दर्य लिखिए
दीरघ दोहा अरथ के, आखर थोरे आहिं।
ज्यों रहीम नट कुंडली, सिमिटि कूदि चढ़ि जाहिं।।

Solution

शिल्प सौन्दर्य:
1. दोहे के थोड़े शब्द का भी हृदय पर गहरा प्रभाव होता है, भले ही वे कम हो।
2. ब्रज भाषा का प्रयोग दोहों में दृष्टव्य है।
3. दोहों में नीति परक तथ्यों का स्पष्टीकरण किया गया है।
4. दोहों में भावात्मक व उदाहरणात्मक शैली का प्रयोग हुआ है।
5. दोहा छंद का प्रयोग हुआ है।
6. भाषा सरल, सरस व प्रभावशाली है।
7. भाषा में लयात्मकता व गीतात्मकता है।
8. (i) उदाहरण अलंकार का प्रयोग हुआ है।
(ii) ‘दीरघ दोहा’ में अनुप्रास अलंकार है।
(iii) ज्यों रहीम नट कुंडली, सिमिटि कूदि चढ़िजाय में उत्प्रेक्षा अलंकार है।

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