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दोहे - रहीम

Question
CBSEENHN9000757

निम्नलिखित दोहों को पढ़कर उसका शिल्प सौन्दर्य  लिखिए
धनि रहीम जल पंक को लघु जिय पिंअत अघाय।
उदधि बड़ाई कौन है, जगत पिआसो जाय।।


Solution

शिल्प सौन्दर्य-
1. स्वयं को महान, उच्च और बड़ा दिखाने की बजाय हमें लोगों के काम आना चाहिए।
2. ब्रज भाषा का प्रयोग दोहों में दृष्टव्य है।
3. दोहा में नीति परक तथ्यों का स्पष्टीकरण किया गया है।
4. दोहा में भावात्मक व उदाहरणात्मक शैली का प्रयोग हुआ है।
5. दोहा छंद का प्रयोग हुआ है।
6. भाषा सरल, सरस व प्रभावशाली है।
7. भाषा में लयात्मकता व गीतात्मकता है।
8. उदाहरण अलंकार का प्रयोग हुआ है।

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निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
‘मोती, मानुष, चून’ के सदंर्भ में पानी के महत्व को स्पष्ट कीजिए।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहैं कोय।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अघाय।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
दीरघ दोहा अरथ के, आखर थोरे आहिं।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
नाद रीझि तन देत मृग, नर धन हेत समेत।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
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निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
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निम्नलिखित भाव को पाठ में किन पंक्तियों द्वारा अभिव्यक्त किया गया है-
जिस पर विपदा पड़ती है वही इस देश में आता है।

निम्नलिखित भाव को पाठ में किन पंक्तियों द्वारा अभिव्यक्त किया गया है-
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