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दोहे - रहीम

Question
CBSEENHN9000756

निम्नलिखित दोहों को पढ़कर उसका आशय स्पष्ट कीजिये।
धनि रहीम जल पंक को लघु जिय पिंअत अघाय।
उदधि बड़ाई कौन है, जगत पिआसो जाय।।


Solution
रहीम जी कहते हैं। कि सरोवर या किचड़ वाला वह जल धन्य है जिसको पीकर लघु जीव भी अपनी प्यास बुझाते हैं। सागर कोई प्रशंसा नहीं करता क्योंकि संसार वहाँ जाकर भी प्यासा लौट आता है। बड़प्पन उसी का माना जाता है जिससे दूसरे का लाभ हो। मनुष्य के जीवन की सार्थकता दूसरों की भलाई के कारण ही है। यदि अधिक धनवान होने पर भी वह किसी का भला नहीं कर सकते तो उसका धनवान होना व्यर्थ है।

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निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहैं कोय।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अघाय।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
दीरघ दोहा अरथ के, आखर थोरे आहिं।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
नाद रीझि तन देत मृग, नर धन हेत समेत।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
जहाँ काम आवे सुई, कहा करे तरवारि।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
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निम्नलिखित भाव को पाठ में किन पंक्तियों द्वारा अभिव्यक्त किया गया है-
जिस पर विपदा पड़ती है वही इस देश में आता है।