-->

दोहे - रहीम

Question
CBSEENHN9000731

निम्नलिखित दोहों को पढ़कर पूछे प्रशनों के उत्तर दीजिए 
रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय। 
सुनि अठिलैहैं लोग सब, बॉंटि न लैहैं कोय।

कवि का दुःख के बारे में क्या मत है?-सही कथन लिखो। 
  • छिपाकर रखना चाहिए
  • प्रकट करना चाहिए
  • मन में रखना चाहिए 
  • मित्र को बता देना चाहिए

Solution

A.

छिपाकर रखना चाहिए

Some More Questions From दोहे - रहीम Chapter

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
हमें अपना दुःख दूसरों पर क्यों नहीं प्रकट करना चाहिए? अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यवहार कैसा हो जाता है?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
एक को साधने से सब कैसे सध जाता है?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
जलहीन कमल की रक्षा सूर्य भी क्यों नहीं कर पाता?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
अवध नरेश को चित्रकूट क्यों जाना पड़ा?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
 ‘नट’ किस कला में सिद्ध होने के कारण ऊपर चढ़ जाता है?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
‘मोती, मानुष, चून’ के सदंर्भ में पानी के महत्व को स्पष्ट कीजिए।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहैं कोय।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अघाय।