Question
निम्नलिखित दोहों को पढ़कर उसका आशय स्पष्ट कीजिये।
रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।
टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।।
Solution
प्रेम का धागा संबंधों को जोड़ता है इस तथ्य को स्पष्ट करते हुए रहीम जी कहते हैं कि प्रेम रूपी धागे को झटके से नहीं तोड़ना चाहिए। अगर इसमें एक बार गाँठ पड़ जाती है तो यह फिर नहीं जुड़ता और अगर जुड़ता भी है तो इसमें गाँठ पड़ जाती है अर्थात् प्रेम सम्बन्ध कठिनाई से बनते हैं। जब एक बार बन जाते है तो उन्हें यत्नपूर्वक संभाल लेना चाहिए। प्रेम संबंधों के टूट जाने पर उनमें पहले जैसा स्नेह नहीं रहता। उसमें खिंचाव बना रहता है।