नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए- रज्जो ने चार-पाँच आम अंजुली में लेकर मेरी ओर बढ़ा दिए। आम लेने के लिए मैंने हाथ बढ़ाया तो मेरी निगाह एक क्षण के लिए उसके हाथों पर ठिठक गई। गोरी-गोरी कलाइयों पर लाख की चूड़ियाँ बहुत ही फब रही थीं। बदलू ने मेरी दृष्टि देख ली और बोल पड़ा, यही आखिरी जोड़ा बनाया था जमींदार साहब की बेटी के विवाह पर। दस आने पैसे मुझको दे रहे थे। मैंने जोड़ा नहीं दिया। कहा, शहर से ले आओ। मैंने आम ले लिए और खाकर थोड़ी देर पश्चात चला आया। मुझे प्रसन्नता हुई कि बदलू ने हारकर भी हार नहीं मानी थी। उसका व्यक्तित्व काँच की चूड़ियों जैसा न था कि आसानी से टूट जाए।
लेखक की निगाह रज्जो की कलाई पर क्यों ठिठक गई?
क्योंकि वह बहुत पतली लग रही थी।
क्योंकि उसने काँच की चूड़ियाँ पहन रखी थी।
क्योंकि उसने बहुत सुंदर लाख की चूड़ियों का जोड़ा पहना हुआ था।
इनमें से कोई नहीं।
Solution
Multi-choise Question
C.
क्योंकि उसने बहुत सुंदर लाख की चूड़ियों का जोड़ा पहना हुआ था।