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ध्वनि

Question
CBSEENHN8000440

नीचे लिखे काव्याशों को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
अभी न होगा मेरा अंत
अभी-अभी ही तो आया है
मेरे वन में मृदुल वसंत-
अभी न होगा मेरा अंत ।

हरे-हरे ये पात,
डालियाँ, कलियाँ, कोमल गात।
मैं ही अपना स्वप्न-मृदुल-कर
फेरूँगा निद्रित कलियों पर
जगा एक प्रत्युष मनोहर।

‘वन में छल बसत’ पंक्ति से क्या आशय है?

  • बन रूपी जीवन में बसंत का आगमन होना ।
  • नए कार्यो को करने के लिए अग्रसर होना ।
  • अपने कार्यों का यश चारों ओर फैलाना व यश प्राप्ति करना ।
  • उपर्युक्त सभी ।

Solution

A.

बन रूपी जीवन में बसंत का आगमन होना ।

Some More Questions From ध्वनि Chapter

कवि को ऐसा विश्वास क्यों है कि उसका अंत अभी नहीं होगा?

फूलों को अनंत तक विकसित करने के लिए कवि कौन-कौन-सा प्रयास करता है?

कवि पुष्पों तंद्रा और आलस्य दूर हटाने के लिए क्या करना चाहता है?

वसंत को ऋतुराज क्यों कहा जाता है? आपस में चर्चा कीजिए।

वसंत ऋतु में आनेवाले त्योहारों के विषय में जानकारी एकत्र कीजिए और किसी एक त्योहार पर निबंध लिखिए।

“ऋतु परिवर्तन का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है”- इस कथन की पुष्टि आप किन-किन बातों से कर सकते हैं? लिखिए।

कविता की निम्नलिखित पंक्तियाँ पढ़कर बताइए कि इनमें किस ऋतु का वर्णन है?
फुटे हैं आमों में बौर
भौंर वन- वन टूटे है।
होली मची वैर- ठौर
सभी बंधन छूटे हें

स्वप्न भरे कोमल-कोमल हाथों को अलसाई कलियों पर फेरते हुए कवि कलियों को प्रभात कं आने का संदेश देता है, उन्हें जगाना चाहता है और खुशी-खुशी अपने जीवन के अमृत से उन्हें सींचकर हरा- भरा करना चाहता है। फूलों-पौधों के लिए आप क्या-क्या करना चाहेंगे?

कवि अपनी कविता में एक कल्पनाशील कार्य की बात बता रहा है। अनुमान कीजिए और लिखिए कि उसके बताए कार्यो का अन्य किन-किन संदर्भो से संबंध जुड़ सकता है? जैसे नन्हे-मुन्ने वालक कौ माँ जगा रही हो ...।

 ‘हरे-हरे’, ‘पुष्प-पुष्प’ में एक शब्द की एक ही अर्थ में पुनरावृत्ति हुई है। कविता के ‘हरे-हरे ये पात’ वाक्यांश में ‘हरे-हरे’ शब्द युग्म पत्तों के लिए विशेषण के रूप में प्रयुक्त हुए हैं। यहाँ ‘पात’ शब्द बहुवचन में प्रयुक्त है। ऐसा प्रयोग भी होता है जब कर्ता या विशेष्य एक वचन में हो और कर्म या क्रिया या विशेषण बहुवचन में; जैसे-वह लंबी-चौड़ी बातें करने लगा। कविता में एक ही शब्द का एक से अधिक अर्थों में भी प्रयोग होता है- “तीन बेर खाती ते वे तीन बेर खाती है।” जो तीन बार खाती थी वह तीन बेर खाने लगी है। एक शब्द ‘बेर’ का दो अर्थो में प्रयोग करने से वाक्य में चमत्कार आ गया। इसे यमक अलंकार कहा जाता है। कभी-कभी उच्चारण की समानता से शब्दों की पुनरावृत्ति का आभास होता है जबकि दोनों दो प्रकार के शब्द होते हैं; जैसे-मन का मनका।

ऐसे वाक्यों को एकत्र कीजिए जिनमें एक ही शब्द की पुनरावृत्ति हो। ऐसे प्रयोगों को ध्यान से देखिए और निन्नलिखित पुनरावृत शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए- बातों-बातों में रह- रहकर, लाल- लाल, सुबह- सुबह. रातों- रात, घड़ी- घड़ी।