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भारतीय गायिकाओं में बेजोड़: लता मंगेशकर

Question
CBSEENEN11009826

शास्त्रीय एवं चित्रपट दोनों तरह के संगीतों के महत्त्व का आधार क्या होना चाहिए? कुमार गंधर्व की इस संबंध में क्या राय है? स्वयं आप क्या सोचते हैं?

Solution

कुमार गंधर्व के अनुसार शास्त्रीय और चित्रपट दोनों तरह के संगीतों के महत्त्व का आधार रसिक को आनंद प्रदान करने की क्षमता होना चाहिए। शास्त्रीय संगीत भी यदि रंजक न होगा तो वह नीरस ही कहा जाएगा। वह अनाकर्षक प्रतीत होगा और कुछ कमी-सी लगेगी। गाने में गानपन का होना आवश्यक है। रंजकता का मर्म रसिक पाठ के साथ कैसे प्रस्तुत किया गया है, यही दोनों तरह के संगीतों के महत्त्व को प्रकट करता है।

Some More Questions From भारतीय गायिकाओं में बेजोड़: लता मंगेशकर Chapter

लता की लोकप्रियता का मुख्य मर्म क्या है?

शास्त्रीय संगीत में लता का कौन-सा स्थान है?

दोनों प्रकार के संगीत के बारे में लेखक के विचारों को अभिव्यक्त कीजिए।

लेखक के विचार में शास्त्रीय गायक किस प्रवृत्ति के हैं?

चित्रपट संगीत दिनोंदिन क्यों विकसित होता चला जा रहा है?

चित्रपट संगीत के क्षेत्र में लता का क्या स्थान है?

चित्रपट संगीत ने समाज पर क्या प्रभाव डाला है?

लता की गायकी से संगीत के प्रति आम लोगों की सोच में क्या अंतर आया है?

लेखक ने पाठ में गानपन का उल्लेख किया है। पाठ के संदर्भ में स्पष्ट करते हुए बताएँ कि आपके विचार में इसे प्राप्त करने के लिए किस प्रकार के अभ्यास की आवश्यकता है?

लेखक ने लता की गायकी की किन विशेषताओं को उजागर किया है? आपको लता की गायकी में कौन-सी विशेषताएँ नजर आती हैं? उदाहरण सहित बताइए।