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भारतीय गायिकाओं में बेजोड़: लता मंगेशकर

Question
CBSEENEN11009824

“संगीत का क्षेत्र ही विस्तीर्ण है। वहाँ अब तक अलक्षित, असंशोधित और अदृष्टिपूर्व ऐसा खूब बड़ा प्रांत है तथापि बड़े जोश से इसकी खोज और उपयोग चित्रपट के लोग करते चले आ रहे हैं।,” इस कथन को वर्तमान फिल्मी संगीत के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।

Solution

यह पूर्णत: सत्य है कि संगीत का क्षेत्र बड़ा विस्तीर्ण है। इसमें शास्त्रीय संगीत को विशेष महत्त्व दिया जाता रहा है। पर शास्त्रीय संगीत का भी रंजक होना आवश्यक है अन्यथा वह नीरस हो जाता है। शास्त्रीय संगीत की एक सुदीर्घ परंपरा चली आ रही है। चित्रपट के लोग इस संगीत का प्रयोग अपनी फिल्मों में निरंतर करते चले आ रहे हैं। गंभीरता शास्त्रीय संगीत का स्थायी भाव है, जबकि लय और चपलता चित्रपट संगीत का मुख्य गुण धर्म है। चित्रपट संगीत का ताल प्राथमिक अवस्था का ताल होता है जबकि शास्त्रीय संगीत में ताल अपने परिष्कृत रूप में पाया जाता है। चित्रपट संगीत में आधे तालों का उपयोग किया जाता है और इसकी लयकारी बिल्कुल अलग होती है, आसान होती है। चित्रपट संगीत में गीत और आघात को अधिक महत्त्व दिया जाता है।

Some More Questions From भारतीय गायिकाओं में बेजोड़: लता मंगेशकर Chapter

कुमार गंधर्व ने लिखा है-चित्रपट संगीत गाने वाले को शास्त्रीय संगीत की उत्तम जानकारी होना आवश्यक है? क्या शास्त्रीय गायकों को भी चित्रपट संगीत से कुछ सीखना चाहिए? कक्षा में विचार-विमर्श करें।

लेखक के मत में लता के गायन से चित्रपट संगीत पर क्या प्रभाव पड़ा है, साथ ही लोगों के दृष्टिकोण में भी क्या अंतर आया है?

लता की लोकप्रियता का मुख्य मर्म क्या है?

शास्त्रीय संगीत में लता का कौन-सा स्थान है?

दोनों प्रकार के संगीत के बारे में लेखक के विचारों को अभिव्यक्त कीजिए।

लेखक के विचार में शास्त्रीय गायक किस प्रवृत्ति के हैं?

चित्रपट संगीत दिनोंदिन क्यों विकसित होता चला जा रहा है?

चित्रपट संगीत के क्षेत्र में लता का क्या स्थान है?

चित्रपट संगीत ने समाज पर क्या प्रभाव डाला है?

लता की गायकी से संगीत के प्रति आम लोगों की सोच में क्या अंतर आया है?