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नवस्वाधीन भारत के सामने कौन सी तीन समस्याएँ थीं ?
(i) बँटवारे की वजह से 80 लाख शरणार्थी पाकिस्तान से भारत आ गए थे। इन लोगों के लिए रहने का इंतजाम करना और उन्हें रोज़गार देना ज़रूरी था।
(ii) इसके बाद रियासतों की समस्या थी। तकरीबन 500 रियासतें राजाओं या नवाबों के शासन में चल रही थीं। इन सभी को नए राष्ट्र में शामिल होने के लिए तैयार करना एक टेढ़ा काम था।
(iii) नवजात राष्ट्र को एक ऐसी राजनैतिक व्यवस्था विकसित करनी थी जो यहाँ के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को सबसे अच्छी तरह व्यक्त कर सके।
योजना आयोग की क्या भूमिका थी ?
(i) योजना आयोग की भूमिका आर्थिक विकास के लिए नीतियाँ बनाने और उनको लागू करने की थी।
(ii) राज्य और निजी क्षेत्र, दोनों ही उत्पादन बढ़ाने और रोजगार पैदा करने में महत्वपूर्ण और परस्पर पूरक भूमिका अदा करेंगे। इसलिए योजना आयोग की भूमिका इन सबको परिभाषित करने की थी कि कौन-से उद्योग सरकार द्वारा और कौन-से उद्योग बाजार द्वारा यानि निजी उद्योगपतियों द्वारा लगाए जाएँगे, विभिन्न क्षेत्रों एवं राज्यों के बीच किस' तरह संतुलन बनाया जाएगा।
(iii) अन्तत: भारत और भारतीयों को गरीबी से मुक्त कराने और आधुनिक तकनीकी एवं औद्योगिक आधार निर्मित करना नए भारत के मुख्य उद्देश्य थे।
केंद्रीय सूचि में .............., ................... और ...........विषय रखे गए थे।
कर
,रक्षा
,विदेशी मामले
A.
आज़ादी के समय ज़्यादातर भारतीय गाँव में रहते थे
B.
संविधान सभा कांग्रेस पार्टी के सदस्यों से मिलकर बनी थी ।
C.
पहले राष्ट्रीय चुनावों में केवल पुरषो को ही वोट डालने का अधिकार दिया गया था।
D.
दूसरी पंचवर्षीय योजना में भारी उद्योगों के विकास पर जोर दिया गया था।
'राजनीति में हमारे पास समानता होगी और सामाजिक व आर्थिक जीवन में हम असमानता की राह पर चलेंगे' कहने के पीछे डॉ. अम्बेडकर का क्या आशय था?
(i) डॉ. अम्बेडकर ने कहा कि राजनीतिक लोकतंत्र के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक लोकतंत्र के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक लोकतंत्र भी ज़रूरी हैं।
(ii) वे कहना चाहते थे कि यदि लोगों को वोट डालने का अधिकार दे दिया जाता है तो इससे अमीर-गरीब या ऊँची और नीची जातियों का फासला अपने-आप खत्म नहीं हो जाएगा।
(iii) उन्होंने कहा कि नए संविधान के साथ भारत अंतर्विरोधों के एक नए युग में प्रवेश करने जा रहा है। राजनीति में हमारे पास समानता होगी और सामाजिक व आर्थिक जीवन में हम असमानता की राह पर चलेंगे। राजनीति में हम एक व्यक्ति, एक वोट और एक मूल्य के सिद्धांत का पालन करेंगे । इसके विपरीत, अपनी सामाजिक एवं आर्थिक संरचना के फलस्वरूप हम सामाजिक और आर्थिक जीवन में एक व्यक्ति, एक मूल्य के सिद्धांत का विरोध करते रहेंगे।
स्वतंत्रता के बाद देश को भाषा के आधार पर राज्यों में बाँटने के प्रति हिचकिचाहट क्यों थी ?
भारत का बटँवारा धर्म के आधार पर हुआ था। इसी बँटवारे के कारण हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच हुए भीषण दंगों में 10 लाख से ज़्यादा लोग मारे गए थे। ऐसी परिस्थितियों में, भाषा के आधार पर देश को और विभाजित करना उचित नहीं था। इसलिए हमारा देश भाषा के आधार इस तरह के और बँटवारे नहीं झेल सकता था।
यही कारण था कि प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और उप-प्रधानमंत्री वल्लभभाई पटेल, दोनों ही भाषा के आधार पर राज्यों के गठन की नीति के विरोधी थे।
एक कारण बताइए कि आज़ादी के बाद भी भारत में अंग्रेज़ी क्यों जारी रही?
चूँकि दक्षिण भारत की जनसंख्या का एक विशाल भाग हिंदी बल्कि अंग्रेज़ी बोलता था, इसलिए यदि उन पर हिंदी थोप दी जाती वे भारत से अलग होने की धमकी दे सकते थे।
आज़ादी के बाद प्रारंभिक दशकों में भारत के आर्थिक विकास की कल्पना किस तरह की गई थी?
आज़ादी के बाद प्रारंभिक दशकों में भारत के आर्थिक विकास की कल्पना:
(i) 1950 में सरकार ने आर्थिक विकास के लिए नीतियाँ बनाने और उनको लागू करने के लिए एक 'योजना आयोग' का गठन किया।
(ii) इस बारे में ज़्यादातर सहमति थी कि भारत 'मिस्रित आर्थव्यवस्था' के रास्ते पर चलेगा। यहाँ राज्य और निजी क्षेत्र, दोनों ही उत्पादन बढ़ाने और रोज़गार पैदा करने में महत्वपूर्ण और परस्पर पूरक भूमिका अदा करेंगे।
(iii) कोन से उद्योग सरकार द्वारा और कौन से उद्योग बाजार द्वारा यानी निजी उद्योगपतियों द्वारा लगाए जाएँगे, विभिन्न क्षेत्रों और राज्यों के बीच किस तरह का संतुलन बनाया जाएगा इन सबको परिभाषित करना योजना आयोग का काम था।
(iv) 1956 में दूसरी पंचवर्षीय योजना तैयार कि गई। इस योजना में इस्पात जैसे भरी उद्योगों और विशाल बाँध परियोजनाओं आदि पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया।
(v) ये काम सरकारी नियंत्रण के अंतर्गत रखे गए। भारी उद्योग पर यह ज़ोर और अर्थव्यवस्था की राज्य नियंत्रण की कोशिशें अगले कुछ दशकों तक आर्थिक निति को प्रभावित करती रहीं।
मीरा बहन कोन थीं? उसके जीवन और आदर्शों के बारे में पता लगाएँ।
मीरा बहन एक अंग्रेज़ महिला थीं। उनका वास्तविक नाम मेडलिन स्लेड था। वह बापू की बेटी जैसी थीं। वह बापू और अंग्रेज़ी नौकरशाह के बीच एक पुल का काम करती थी।
मीरा बहन (22 नवंबर 1892 -20 जुलाई 1982) एक ब्रिटिश एडमिरल की बेटी थी। उसने गांधीजी के साथ रहने और काम करने के लिए इंग्लैंड का अपना घर छोड़ दिया। उन्होंने अपना जीवन मानव के विकास, गांधीजी के सिद्धांतो के प्रचार एवं भारत के स्वतंत्रता संघर्ष हेतु समर्पित कर दिया। उन्हें 1982 में पदम् विभूषण से सम्मानित किया गया था।
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