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निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कीजिए-
वन्यप्राणी उद्यान एवं जैवमण्डलीय आरक्षित क्षेत्र
वन्यप्राणी उद्यान- (i) वन्य जंतुओं के लिए वह आरक्षित क्षेत्र जहाँ वे स्वतंत्र रूप से आवास एवं प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं।
(ii) उदाहरण- सतपुड़ा राष्ट्रिय उद्यान।
जैवमण्डलीय आरक्षित क्षेत्र- (i) वन्य जीवन, पौधों और जंतु संसाधनों और उस क्षेत्र के आदिवासियों के पारंपरिक ढंग से जीवनयापन हेतु विशाल संरक्षित क्षेत्र।
(ii)उदाहरण- पंचमढ़ी जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र।
निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कीजिए-
चिड़ियाघर एवं अभ्यारण्य
चिड़ियाघर- (i) वह क्षेत्र जहाँ पर प्राणियों का सरंक्षण किया जाता है परंतु वे कृत्रिम आवास में रहते हैं।
(ii) उदाहरण- दिल्ली का चिड़ियाघर।
अभ्यारण्य- (i) वह क्षेत्र जहाँ जंतु एवं उनके आवास किसी भी प्रकार के विक्षोभ से सुरक्षित रहते हैं।
(ii) उदाहरण- पंचमढ़ी वन्यप्राणी अभ्यारण्य।
निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कीजिए-
संकटापन्न एवं विलुप्त स्पीशीज
संकटापन्न- (i) ऐसी स्पीशीज जिनकी संख्या एक निर्धारित स्तर से कम होती जा रही है और वे विलुप्त हो सकते हैं।
(ii) उदाहरण- बाघ।
विलुप्त स्पीशीज- (i) ऐसी स्पीशीज जो अब देखने को नहीं मिलती अर्थात विलुप्त हो गई है।
(ii) उदाहरण- डायनासौर।
निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कीजिए-
वनस्पतिजात एवं प्राणिजात
वनस्पतिजात- (i) किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले पेड़-पौधे उस क्षेत्र के वनस्पतिजात कहलाते हैं।
(ii) उदाहरण- साल, सागौन आदि पंचमढ़ी जैवमण्डल आरक्षित क्षेत्र के वनस्पतिजात हैं।
प्राणिजात- (i) किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले जिव-जंतु उस क्षेत्र के प्राणिजात कहलाते हैं।
(ii) उदाहरण- हिरण, चीतल आदि पंचमढ़ी जैवमण्डल आरक्षित क्षेत्र के प्राणिजात हैं।
वनोन्मूलन का निम्न पर क्या प्रभाव पड़ता है, चर्चा कीजिए-
वन्यप्राणी
वनोन्मूलन की वजह से वन्यप्राणियों का आश्रय-स्थल छीन रहा है और खाद्य शृंखला भी बिगड़ रही है। इसलिए उन्हें वनों से बाहर आश्रय लेना पड़ रहा है जो उनके हित में नहीं है। इसी वजह से बहुत-सी स्पीशीज़ संकटापन्न या वुलिप्त स्पीशीज़ की श्रेणी में आ गई हैं।
वनोन्मूलन का निम्न पर क्या प्रभाव पड़ता है, चर्चा कीजिए-
पर्यावरण
वनोन्मूलन से पृथ्वी पर ताप एवं प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होती है। वायुमण्डल में कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ता है। भौम जल स्तर का भी निम्नीकरण हो जाता है। इससे वर्षा एवं भूमि की उर्वरता में कमी आती है। इसके अतिरिक्त बाढ़ तथा सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं की संभावना बढ़ जाती है। इसकी वजह से प्राकृतिक संतुलन भी बिगड़ रहा है।
वनोन्मूलन का निम्न पर क्या प्रभाव पड़ता है, चर्चा कीजिए-
गाँव ( ग्रामीण क्षेत्र )
ग्रामीण क्षेत्र में लोग साधारणतया खेती या उससे जुड़े कार्यों में लगे होते हैं। वनोन्मूलन के कारण बाढ़, सूखा तथा मरुस्थलीकरण जैसी आपदाओं की संभावना बढ़ जाती है तथा मिट्टी की उर्वरता भी कम हो जाती है। दूसरे शब्दों में कहें तो ग्रामीणों का जीवनयापन दूभर हो रहा है।
वनोन्मूलन का निम्न पर क्या प्रभाव पड़ता है, चर्चा कीजिए-
शहर ( शहरी क्षेत्र )
शहरी क्षेत्र में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है लोगों को साँस की तकलीफें काफी अधिक मात्रा में है। शुद्ध हवा विलुप्त है। वनों की संख्या न के बराबर है। जंगली जानवर भी यदा कदा, वन विलुप्त होने की वजह से शहर में घुसकर भयानक दृश्य उपस्थित कर देते हैं।
वनोन्मूलन का निम्न पर क्या प्रभाव पड़ता है, चर्चा कीजिए-
पृथ्वी
वनोन्मूलन से विश्व ऊष्णन हो रहा है जिससे बर्फीले पहाड़ तक पिघल रहे हैं और पृथ्वी जलमग्न हो रही है। कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) के बढ़ने के कारण ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है। इसके साथ-साथ और भी प्राकृतिक आपदाओं जैसे- बाढ़, सूखा आदि की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं। पृथ्वी पर प्राकृतिक संतुलन भी बिगड़ रहा है।
वनोन्मूलन का निम्न पर क्या प्रभाव पड़ता है, चर्चा कीजिए-
अगली पीढ़ी
वनोन्मूलन की वजह से बहुत सारी स्पीशीज़ संकटापन्न या विलुप्त स्पीशीज़ की श्रेणी में आ गई हैं। पृथ्वी पर प्रदूषण की समस्या और अधिक जटिल होती जा रही है तथा पृथ्वी का ताप भी बढ़ता जा रहा है। यदि यही हल रहा तो पृथ्वी पर जीवन ज़्यादा लंबे समय तक नहीं होगा।
क्या होगा यदि-
हम वृक्षों की कटाई करते रहे?
हम वृक्षों की कटाई करते रहे तो धीरे-धीरे सारे वन्यप्राणी विलुप्त हो जाएँगे, वन्य पेड़-पौधे भी गायब हो जाएँगे। प्रदूषण का स्तर बढ़ जाएगा। मृदा का अपरदन अधिक होगा। प्राकृतिक आपदाओं की संभावनाएँ अत्यधिक हो जाएँगी। बर्फीले पहाड़ पिघल जाएगी और पृथ्वी जलमग्न हो जाएगी अंत में जीवन संभव नहीं होगा।
क्या होगा यदि-
किसी जंतु का आवास बाधित हो?
किसी जंतु का आवास बाधित हो- यदि किसी जंतु का आवास बाधित हो तो उसका संरक्षण तो आसान हो जाएगा परन्तु उसका बौद्धिक, शारीरिक विकास ढंग से नहीं हो पाएगा तथा उसके साथ ही साथ उसकी प्राकृतिक आदतों में भी परिवर्तन आ जाएगा। अंत में वह खतरनाक हो जाते है और सभी को नुकसान पहुँचाते है।
क्या होगा यदि-
मिट्टी की ऊपरी परत अनावरित हो जाए?
मिट्टी की ऊपरी परत अनावरित हो जाए- ऐसी स्थिति में पृथ्वी की निचली परत दिखने लगेगी और ह्यूमस भी मिट्टी से गायब हो जाएगी। जिसका सीधा असर मिट्टी की उर्वरता पर पड़ेगा। धीरे-धीरे उर्वर भूमि मरुस्थल में परिवर्तित हो जाएगी।
संक्षेप में उत्तर दीजिए-
हमें जैव विविधता का सरक्षण क्यों करना चाहिए?
हमें जैव विविधता का संरक्षण इसलिए करना चाहिए क्योंकि यह हमारी राष्ट्रिय परंपरा का एक भाग है। पौधों और जानवरों दोनों एक दूसरे पर आश्रित होते हैं। पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने के लिए हमे जैव विविधता का संरक्षणकरना चाहिए।
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संक्षेप में उत्तर दीजिए-
संरक्षित वन भी वन्य जंतुओं के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं हैं, क्यों?
संरक्षित वन भी वन्य जंतुओं के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं हैं क्योंकि इनके आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोग इनका ( वनों का ) अतिक्रमण करके इन्हे नष्ट कर देते हैं।
संक्षेप में उत्तर दीजिए-
कुछ आदिवासी वन ( जंगल ) पर निर्भर करते हैं। कैसे?
कुछ आदिवासी वन ( जंगल ) पर निर्भर करते हैं। वे आज भी भोजन संग्रह कर, शिकार कर अपना पेट भरते हैं तथा पेड़ की छाल, जंतुओं की खाल आदि से बने वस्त्र पहनते है।
संक्षेप में उत्तर दीजिए-
वनोन्मूलन के कारक और उसके प्रभाव क्या हैं?
खेती के लिए भूमि, औद्योगीकरण, शहरीकरण, दावानल, भीषण सूखा आदि वनोन्मूलन के कारक हैं। वनोन्मूलन के कारण प्राकृतिक आपदाओं की संभावनाएँ बढ़ है यहीं, प्रदूषण बढ़ता जा रहा है, विश्व ऊष्णन, भूमि के उपजाऊपन में कमी आदि से पृथ्वी पर जीवन का संकट उत्पन्न हो रहा है।
संक्षेप में उत्तर दीजिए-
रेड डाटा पुस्तक क्या है?
वह पुस्तक जिसमें सभी संकटापन्न स्पीशीज़ का रिकार्ड रखा जाता है। पौधों, जंतुओं और अन्य स्पीशीज़ के लिए अलग-अलग रेड डाटा पुस्तकें हैं।
संक्षेप में उत्तर दीजिए-
प्रवास से आप क्या समझते हैं?
जलवायु में परिवर्तन के कारण प्रवासी पक्षी प्रत्येक वर्ष सुदूर क्षेत्रों से एक निश्चित समय पर उड़कर आते हैं। वह यहाँ अंडे देने के लिए आते हैं क्योंकि उनके मूल आवास में बहुत अधिक शीत के कारण वह स्थान उस समय जीवनयापन सेतु अनुकूल नहीं होता। पक्षियों का एक क्षेत्र से सुदूर क्षेत्र में जाना ही प्रवास कहलाता है।
फैक्ट्रियों एवं आवास की माँग की आपूर्ति हेतु वनों की अनवरत कटाई हो रही है। क्या इन परियोजनाओं के लिए वृक्षों की कटाई न्यायसंगत है? इस पर चर्चा कीजिए तथा एक संक्षिप्त रिपोर्ट तैयार कीजिए।
आधुनिक समाज में जिस तेज़ी से जनसँख्या बढ़ रही है, उसकी माँग की पूर्ति हेतु आवास तथा फैक्ट्रियाँ भी उतनी ही आवश्यक हैं। फैक्ट्रियों में उत्पादन जल्दी से तथा सस्ता होता है तथा ये लाखों लोगों को रोजगार देती हैं। आवास, जो बुनियादी ज़रूरतों में से है, सभी के लिए आवश्यक है। इन ज़रूरतों को पूरा करने के लिए खाली ज़मीन उपलब्ध न होने की स्थिति में मानव वनों को साफ कर भूमि तैयार करता है। ये आज के समय की माँग है। दूसरी तरफ वनों के साफ होने से वन्य प्राणियों का आश्रय स्थल छीन रहा है तथा आदिवासी जातियाँ भी विलुप्त होती जा रही हैं और प्रदूषण फैल रहा है, विश्व उष्णन हो रहा है, जिससे बर्फ पिघल रही है और पृथ्वी जलमग्न हो रही है या, दूसरे शब्दों में, रहने लायक भूमि लगातार कम होती जा रही हैं। अत: इन परियोजनाओं के कोई अन्य विकल्प ढूँढे जाने चिहिए न कि कटाई की जानी चाहिए।
अपने स्थानीय क्षेत्र में हरियाली बनाए रखने में आप किस प्रकार योगदान दे सकते हैं? अपने द्वारा कि जाने वाली क्रियाओं की सूचि तैयार कीजिए।
अपने स्थानीय क्षेत्र में हरियाली बनाए रखने में हम निम्न क्रियाओं की सहायता से योगदान दे सकते हैं-
(i) जागरूकता अभियान चलाकर।
(ii) वन महोत्सव मनाकर।
(iii) लोगों को नरसरी में मुफ्त में मिलने वाले पौधों के बारे में जानकारी देकर।
(iv) जन्मदिवस, शादी आदि पर लोगों को पौधे उपहार देने की सलाह देकर।
(v) छोटे बच्चे की सहायता आस-पास के क्षेत्रों में पौधे लगाने में लेकर।
(vi) वन विभाग के कार्यकर्ता को बुलाकर वनों के महत्त्व के बारे में लोगों को बताकर।
वनोन्मूलन से वर्षा डॉ किस प्रकार कम हुई है? समझाइए।
हम जानते है की पेड़-पौधे वर्षा लेन में सहायक होते है। वनोन्मूलन से कम वृक्षों की वजह से कार्बन डाइऑक्साइड के उपयोग में कमी आई है, जिससे वायुमण्डल में इसकी मात्रा बढ़ गई है। क्योंकि कार्बन डाइऑक्साइड पृथ्वी द्वारा उतसर्जित उष्मीय विकिरणों का प्रग्रहण कर लेती है, अत: इसकी मात्रा के परिणामस्वरूप वुश्व ऊष्णन हो रहा है। पृथ्वी के ताप में वृद्धि से जलचक्र का संतुलन बिगड़ गया है, जिससे वर्षा दर में कमी हुई है।
अपने राज्य के राष्ट्रिय उद्यानों के विषय में सुचना एकत्र कीजिए। भारत के रेखा मानचित्र में उनकी स्थिति दर्शाइए।
भारत के कुछ राष्ट्रिय उद्यान-
हमें कागज़ की बचत क्यों करनी चाहिए? उन कार्यों की सूचि बनाइए जिनके द्वारा आप कागज़ की बचत कर सकते हैं।
हमें कागज़ की बचत वनों को बचाने के लिए करनी चाहिए। लगभग 1 टन कागज़ बनाने के लिए 17 वृक्षों की आवश्यकता होती है। कागज़ की बचत से वनों के साथ-साथ हानिकारक रासायनिक पदार्थ, जल तथा ऊर्जा, जो इसको बनाने में प्रयुक्त होते हैं, की भी बचत होती है।
हम निम्न कार्यों के द्वारा कागज़ की बचत कर सकते हैं-
(i) पुन: चक्रण जो की लगभग 5-7 बार संभव है।
(ii) पुन: उपयोग
(iii) मितव्ययता से उपयोग
(iv) जान-जागरूकता अभियान चलाकर
क्या केवल बड़े जंतुओं को ही विलुप्त होने का खतरा है?
नहीं, बड़े जंतुओं की अपेक्षा छोटे प्राणियों के विलुप्त होने की संभावना कहीं अधिक है।
चिड़ियाघर और वन्यप्राणी अभ्यारण्य में क्या अंतर है?
चिड़ियाघर | वन्यप्राणी अभ्यारण्य |
1. यहाँ प्राणियों का सरक्षण किया जाता है परंतु वे कृत्रिम आवास में रहते हैं। | 1. वह क्षेत्र जहाँ जंतु एवं उनके आवास किसी भी प्रकार के विक्षोभ से सुरक्षित रहते हैं। |
2. उदाहरण: दिल्ली का चिड़ियाघर। | 2. उदाहरण: पंचमढ़ी वन्यप्राणी अभ्यारण्य। |
मैंने सुना है कि कुछ क्षेत्री स्पीशीज़ विलुप्त हो सकती हैं। क्या यह सच है?
कुछ विशेष क्षेत्री स्पीशीज़ विलुप्त हो सकती है क्योंकि उनके आवास नष्ट होते आ रहे है। विसन, भारतीय विशाल गिलहरी तथा उड़नेवाली गिलहरी इस क्षेत्र के विशेष क्षेत्री प्राणी हैं।
वनोन्मूलन से एक ओर जहाँ वर्षा में कमी आती है तो दूसरी ओर बाढ़ आना कैसे संभव हो सकता है?
वनोन्मूलन से कम वृक्षों की वजह से कार्बन डाइऑक्साइड के उपयोग में कमी आई है, जिससे वायुमंडल में इसकी मात्रा बढ़ गई है। क्योंकि कार्बन डाइऑक्साइड पृथ्वी द्वारा उत्सर्जित उष्मीय विकिरणों का परग्रहण कर लेती है, अत: इसकी कम मात्रा के परिणामस्वरूप विश्व उष्णन हो रहा है। पृथ्वी के ताप में वृद्धि से जलचक्र का संतुलन बिगड़ गया है, जिससे वर्षा दर में कमी हुई है।
वनोन्मूलन से पर्यावरण प्रभावित होता है और पृथ्वी का तापमान बढ़ता है जिसकी वजह से बड़े-बड़े ग्लेसियर पिघल रहे है और बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है।
राष्ट्रिय उद्यानों, वन्यजंतु अभ्यारण्यों एवं जैवमण्डल संरक्षित क्षेत्रों को बनाने का क्या उद्देश्य है?
जैविक महत्त्व के क्षेत्रों का संरक्षण हमारी राष्ट्रिय परम्परा का एक भाग है। उदाहरण: पंचमढ़ी जैवमण्डलीय संरक्षित क्षेत्र के पौधे एवं जंतु ऊपरी हिमालय की शृंखलाओं एवं निचले पश्चिम घाट के समान संरक्षित हैं।
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