संचयन भाग १ Chapter 5 हामिद खाँ - एस. के पोट्टेकाट
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    NCERT Solution For Class 9 Hindi संचयन भाग १

    हामिद खाँ - एस. के पोट्टेकाट Here is the CBSE Hindi Chapter 5 for Class 9 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 9 Hindi हामिद खाँ - एस. के पोट्टेकाट Chapter 5 NCERT Solutions for Class 9 Hindi हामिद खाँ - एस. के पोट्टेकाट Chapter 5 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 9 Hindi.

    Question 1
    CBSEENHN9001149

    लेखक का परिचय हामिद खाँ से किन परिस्थितियों में हुआ?

    Solution
    लेखक भारत में रहते थे। वे तक्षशिला के खंडहर देखने के लिए पाकिस्तानी दोस्तों के साथ गए थे। घूमते-घूमते उन्हें भूख लगी, कुछ न मिलने पर उन्हें गली में एक दुकान दिखाई दी। यह हामिद खाँ की दुकान थी। वहाँ उन्हें खाने के लिए सालन और चपाती मिली। बातचीत करने पर दोनों एक-दूसरे से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके। मुसलिम होते हुए भी उसने हिंदू लेखक की मेहमानवाजी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। इन परिस्थितियों में लेखक की मुलाकात हामिद खाँ से हुई।
    Question 2
    CBSEENHN9001150

    ‘काश मैं आपके मुल्क में आकर यह सब अपनी आँखों से देख सकता’–हामिद ने ऐसा क्यों कहा?

    Solution
    लेखक ने हामिद खाँ को हिंदु मुसलमान संबंधो के बारे में बुताया उन्हे पहले तो विश्वास नहीं हुआ क्योंकि पाकिस्तान में मुसलमानों को अत्याचार करने वालों की संतान समझा जाता था जाता था। लेखक ने हामिद खाँ को बताया कि भारत में हिंदु मुसलमान मिलकर रहते हैं। एक-दुसरे के त्योहारों में सम्मिलित होते हैं। हिंदू मुसलमानों के बीच दंगे न के बराबर होते हैं। मुसलमानों की मसजिद हिंदुओं के निवास स्थान के पास दिखाई देती है। हामिद खाँ विश्वास ही नही कर पाए कि वे हिन्दु हैं और इतने गौरव से एक मुसलिम से बात कर रहें है। मुसलमानी होटल में भी भारत में खाना खाने में किसी हिंदू को कोई फर्क नहीं पड़ता। लेखक द्वारा हिंदू मुसलमान की एकता भरी बातों पर हामिद खाँ पहले तो भरोसा नहीं कर पाए इसलिए वे उनके देश में आकर ये सब देखना चाहते थे।
    Question 3
    CBSEENHN9001151

    हामिद को लेखक की किन बातों पर विश्वास नहीं हो रहा था?

    Solution
    लेखक ने हिन्दू मुसलमानों के मेल-मिलाप की बातें हामिद खाँ को बताई। उन्हें लेखक की बातों पर भरोसा नहीं हुआ। पाकिस्तान में हिंदू-मुसलिम संबंधो में अंतर था। उनमें बहुत दूरियाँ थीं परन्तु हिन्दुस्तान में आपसी संबंध बहुत अच्छे थे। पाकिस्तान में वे एक-दूसरे के त्योहारों में सम्मिलित नहीं होते। न कोई हिंदू मुसलिम होटल में खाना खाता है और न ही कोई मुसलिम हिंदू दुकान पर जाता था। मुसलमानों को, अत्याचारियों की संतान माना जाता था। इस दुनिया में उन्हे शैतानों की तरह लुक-छिप कर चलना पड़ता था। लेखक ने जब हिन्दू मुसलमान एकता की भारत की बात की तो हामिद खाँ हैरान रह गए। पहले तो उन्हें लेखक के हिन्दू होने पर विश्वास नहीं हुआ। फिर वे लेखक को अजनबी निगाहों से देखते रहें।
    Question 4
    CBSEENHN9001152

    हामिद खाँ ने खाने का पैसा लेने से इकार क्यों किया?

    Solution
    हामिद खाँ पाकिस्तान का रहने वाला था। वह एक भला आदमी था। मानवीय भावनाओं का उसके जीवन में बहुत महत्व था। भूख के कारण होटल ढूँढते हुए जब लेखक तंग गलियों में स्थित हामिद खाँ के होटल पर पहुँच गए वहाँ उनकी मेहमानवाजी अच्छा इंसान समझ कर की गई। खाने के बदले लेखक पैसे देना चाहता था परन्तु हामिद खाँ ने उन्हें लेने से इंकार कर दिया। एक रूपए के नोट को वापिस करते हुए हामिद खाँ ने कहा कि मैनें आपसे पैसे ले लिए, लेकिन मैं चाहता हूँ कि ये पैसे आपके पास रहें। आप जब भारत पहुँचे तो उनकी मेहमानवाजी को याद रखें। लेखक की इनसानियत व उनकी मेल-मिलाप की बातों से हामिद खाँ प्रभावित हुए थे इसलिए उन्होनें मेहमानवाजी के पैसे लेने से इंकार कर दिया।
    Question 5
    CBSEENHN9001153

    मालाबार में हिन्दू-मुसलमानों के परस्पर संबंधों को अपने शब्दों में लिखिए।

    Solution
    मालाबार में हिंदू-मुसलमानों में परस्पर भेद-भाव नहीं था। वे दोनों धर्मो के नाम पर झगड़ते नहीं थे। साम्प्रदायिक झगड़ों के कारण माहौल बिगड़ा हुआ नहीं था। हिन्दू-मुसलमान एक-दूसरे के तीज-त्योहार में सम्मिलित होते थे। हिंदू इलाके में मस्जिद मिलती है।
    Question 6
    CBSEENHN9001154

    तक्षशिला में आगजनी की खबर पढ़कर लेखक के मन में कौन-सा विचार कौधा? इससे लेखक के स्वभाव की किस विशेषता का पता चलता हैं?

    Solution
    तक्षशिला में धर्म के नाम पर धार्मिक झगड़े जन्म लेते रहते थे। इन झगड़ों की खबरें समाचार-पत्र में निकलती रहती थीं। लेखक ने जब इस सांप्रदायिक झगड़े की खबर पढ़ी तो उनका सीधा ध्यान हामिद खाँ की ओर गया उन्होंने प्रार्थना की कि भगवान हामिद खाँ की दुकान को कोई नुकसान न पहुँचाए। हिन्दू-मुसलिम भेद भाव आग उन तक न पहुँच पाए। इससे लेखक के स्वभाव की मानवीय भावना का परिचय मिलता है। उनकी दृष्टि में धर्म की प्रधानता नहीं थी। मानवीयता प्रमुख थी। हामिद खाँ उन्हें भले मानव लगे इसलिए हमदर्दी व सहानुभूति की भावना उनके मन में थी।
    Question 7
    CBSEENHN9001155

    'हामिद खाँ’ हिन्दू-मुसलमान संबंधों के विषय में क्या चाहता था?

    Solution
    हामिद खाँ चाहता था कि हिन्दुओं और मुसलमानो में आपसी प्रेम, सद्‌भाव, विश्वास और भाईचारा हो। हिन्दू लोग मुसलमानों को अत्याचारी और अपवित्र न माने। उसे इस बात का दुःख था कि हिन्दू लोग मुसलमानों को अत्याचारियों की संतान मानते है और उनके होटलों में खाना नहीं खाते।
    Question 8
    CBSEENHN9001156

    हामिद खाँ ने लेखक को पैसे किसलिए वापस किए?

    Solution
    हामिद खाँ चाहता था कि हिन्दू-मुसलमान के बीच सद्‌भाव और बड़े। इसलिए उसने पैसे न लेकर अपनी सदभावना का परिचय दिया उसने यह भी कहा कि वह उन पैसों से भारत के मुसलमानी होटल से पुलाव खाए। इससे भी उसकी साम्प्रदायिक भावना का पता चलता है।
    Question 9
    CBSEENHN9001157

    लेखक पाकिस्तान किस उदेश्य से गया था?

    Solution
    लेखक पाकिस्तान में स्थित तक्षशिला के खंडहरों को देखने हेतु वहाँ की यात्रा पर गया था।

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