समकालीन भारत 2 Chapter 1 संसाधन का विकास
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    NCERT Solution For Class 10 सामाजिक विज्ञान समकालीन भारत 2

    संसाधन का विकास Here is the CBSE सामाजिक विज्ञान Chapter 1 for Class 10 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 10 सामाजिक विज्ञान संसाधन का विकास Chapter 1 NCERT Solutions for Class 10 सामाजिक विज्ञान संसाधन का विकास Chapter 1 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 10 सामाजिक विज्ञान.

    Question 1
    CBSEHHISSH10018649
    Question 6
    CBSEHHISSH10018654

    तीन राज्यों के नाम बताएँ जहाँ काली मृदा पाई जाती है। इस पर मुख्य रूप से कौन सी फसल उगाई जाती है?

    Solution

    ऐसे तीन राज्य जहाँ काली मृदा पाई जाती है निम्नलिखित है:
    i) महाराष्ट्र
    ii) गुजरात
    iii) मध्य प्रदेश
    कपास प्रमुख रुप से काली मृदा में उगाई जाती है।

    Question 7
    CBSEHHISSH10018655

    पूर्वी तट के नदी डेल्टाओं पर किपूर्वी तट के नदी डेल्टाओं पर किस प्रकार की मृदा पाई जाती है? इस प्रकार की मृदा की तीन मुख्य विशेषताएँ क्या है?स प्रकार की मृदा पाई जाती है? इस प्रकार की मृदा की तीन मुख्य विशेषताएँ क्या है?

    Solution

    पूर्वी तट के नदी डेल्टाओं (कृष्णा, कावेरी, महानदी, गोदावरी) नदियों में जलोढ़ मृदा पाई जाती है।
    जलोढ़ मृदा की विशेषताएँ-
    (i) जलोढ़ मृदा नदियों द्वारा लाये गए अवसाद(रेत,सिल्ट, मृतिका) से निर्मित होती है। अतः यह बहुत उपजाऊ होती है।
    (ii) मृदाओं की पहचान उनकी आयु से भी होती है। आयु के आधार पर जलोढ़ मृदा दो प्रकार की होती है- नवीन जलोढ़ तथा प्राचीन जलोढ़। नवीन जलोढ़ प्राचीन जलोढ़ की अपेक्षा अधिक उपजाऊ होती है।
    (iii) जलोढ़ मृदा पोषक तत्वों से भरपूर होती है। अधिकतर जलोढ़ मृदा मृदाएँ पोटाश ,फास्फोरस और चूनायुक्त होती है। जो इनको गन्ने, चावल, गेहूँ और अन्य अनाजों और दलहन फसलों की खेती के लिए उपयुक्त बनाती है। अधिक उपजाऊपन के कारण जलोढ़ मृदा वाले क्षेत्रों में गहन कृषि की जाती है।

    Question 8
    CBSEHHISSH10018656

    पहाड़ी क्षेत्रों में मृदा अपरदन की रोकथाम के लिए  क्या कदम उठाने चाहिए?

    Solution

    पहाड़ी क्षेत्रों में मृदा अपरदन की रोकथाम के लिए निम्लिखित कदम उठाने चाहिए-
    (i) पर्वतीय ढालो पर वृक्षारोपण द्वारा जल प्रवाह को रोक कर या धीमा करके।
    (ii) समोच्य जुताई द्वारा जल ऊपर से नीचे नहीं प्रवाहित होगा।
    (iii) पर्वतों पर सीढियाँ बनाकर, सीढ़ीदार कृषि कर।
    (iv) बड़े खेतों को पट्टियों में विभाजित करके इनपर घास उगा कर। इससे पवनों के वेग में कमी आती है।

    Question 9
    CBSEHHISSH10018657

    जैव और अजैव संसाधन क्या होते हैं कुछ उदाहरण दें।

    Solution

    जैव संसाधन- इन संसाधनों की प्राप्ति जीवमंडल से होती है और इनमे जीवन व्याप्त होता है, उदाहरण- मनुष्य, वनस्पतिजात, मत्स्य जीवन, पशुधन आदि। 
    अजैव संसाधन- वे सारे संसाधन जो निर्जीव वस्तुओं से बने है। ये दो प्रकार के होते है समाप्य और असमाप्य l उदाहरण- चट्टानें और धातुएँ।

    Question 10
    CBSEHHISSH10018658

    भारत में भूमि उपयोग प्रारूप का वर्णन करें। वर्ष 1960-61 से वन के अंतर्गत क्षेत्र में महत्वपूर्ण वृद्धि नहीं हुई। इसका क्या कारण है?

    Solution
    1) भारत में भूमि उपयोग प्रारूप: भूमि का उपयोग निम्नलिखित कार्यो के लिए किया जाता है:
    (i) वन
    (ii) कृषि के लिए अप्राप्य  भूमि
    • बंजर भूमि,
    • गैर कृषि कार्यों के लिए भूमि जैसे भवन निर्माण, सड़क निर्माण, उद्योग निर्माण आदि।
    (iii) अन्य गैर-कृषि भूमि
    • स्थायी चरगाह
    • अन्य गैर-कार्यों के लिए भूमि, वृक्षों, फसलों आदि के लिये भूमि
    • बंजर भूमि (पांच कृषि वर्षों से छोड़ी गई अकृषीय भूमि)

    (iv) परती भूमि

    • चालू वर्ष की परती भूमि ( जो बिना कृषि के एक या कम कृषि वर्ष के लिए छोड़ दी गई है )
    • परती भूमि के अतिरिक्त अन्य भूमि (जो एक से पांच कृषि वर्षों के लिए छोड़ दी गई है)
    (v) शुद्ध बोया गया क्षेत्र (क्षेत्रफल जो एक कृषि वर्ग में एक से अधिक बार बोया गया है)
    2) 1960 -61 से निम्न कारणों से वन भूमि का क्षेत्रफल नहीं बढ़ पाया है:

    (i) भारत की जनसंख्या बहुत तीव्र गति से बढ़ रही है। इस जनसंख्या के लिए भूमि का उपयोग भवन निर्माण आदि के लिए हो रहा है। भारत विकासशील देश है तथा संपूर्ण देश में उद्योग, मिल तथा अन्य व्यापारिक स्थल बन रहे हैं।
    (ii) स्वतंत्रता के पश्चात हमने बेकार भूमि को वनों के अंतर्गत लाने का प्रयास नहीं किया। वास्तव में मनुष्य ही बंजर भूमि को बढ़ा रहा है।
    (iii) स्थानीय लोग वनों का सही उपयोग नहीं कर रहे हैं। वृक्षों की कटाई सही योजना के बिना ही हो रही है। लोग नए वृक्ष नहीं लगाते हैं और ना ही क्षेत्र का विस्तार करते हैं। 
    (iv) भूमि की आवश्यकता उद्योगों के विस्तार के लिए हो रही है।
    (v) जल संसाधन सीमित है और देश में वर्षा का वितरण समान नहीं है।
    (vi) आवासीय भूमि की मांग निरंतर बढ़ रही है।

    Question 11
    CBSEHHISSH10018659

    प्रौद्योगिक और आर्थिक विकास के कारण संसाधनों का अधिक उपयोग कैसे हुआ है?

    Solution

    किसी भी प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए संसाधनों की उपलब्धता आवश्यक है। प्रौद्योगिक और आर्थिक विकास संसाधनों के उपयोग को बढ़ावा देते हैं। लेकिन प्रौद्योगिकी की कमी इस विकास में बाधक उत्प्न्न करती है। आर्थिक विकास के लिए तकनीक की आवश्यकता होती है। इसके बाद विकास कार्यों के लिए भूमि की आवश्यकता होती है। वनों, खनिजों का उपयोग होता है तथा जल की भी आवश्यकता होती है।
    अगस्त 1947 से पहले इग्लैंड का उपनिवेश था। विदेशी आक्रमणकर्ताओं का मुख्य आकर्षण धनी संसाधन थे। उपनिवेशों का विकास प्रद्योगिकी के उच्च स्तर के कारण हुआ तथा औपनिवेशिक शक्तियों ने अपना शासन स्थापित किया। औपनिवेशीकरण को भारत ने कई रूपों में अनुभव किया। इसलिए भारत में विकास सामान्य और संसाधन पर निर्भर रहा बल्कि प्रौद्योगिकी और मानव संसाधन की गुणवत्ता का अनुभव किया।
    स्वतंत्रता के बाद भारत में औद्योगिकरण हुआ। इससे विस्तृत अवसर उत्पन्न हुए। आज औद्योगिक संस्थान आदि समान्य हो गई है। उद्योगो की बढ़ती संख्या ने और भी दवाब बढ़ा दिया, जैसे जल संसाधन आदि।

    Question 12
    CBSEHHISSH10018688

    आवश्यकताओं के दोहरे संयोग में छुपी समस्या को उजागर कीजिए। 

    Solution

    दोनों पक्ष एक दुसरे से वस्तुएं खरीदने और बेचने पर सहमति रखते हों, उसे आवश्यकताओं का दुहरा संयोग कहा जाता है।

    Question 13
    CBSEHHISSH10018697

    वस्तुओं तथा सेवाओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने-ले जाने के लिए परिवहन के तीव्र एवं सक्षम साधन क्यों आवश्यक हैं? उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए। 

    Solution

    परिवहन के तीव्र एवं सक्षम साधनों की आवश्यकता -
    (i) हम अपने दैनिक जीवन में विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं का प्रयोग करते हैं। इनमें से कुछ हमारे आसपास उपलब्ध होती हैं; जबकि कुछ अन्य वस्तुओं की आवश्यकता दूसरे स्थानों से लाकर की जाती है।
    (ii) वस्तुएं और सेवाएं मांग स्थल से आपूर्ति स्थल पर अपने आप नहीं पहुंच जाती। वस्तुओं तथा सेवाओं के आपूर्ति स्थानों से मांग स्थानों तक ले जाने हेतु परिवहन की आवश्यकता होती है।
    (iii) परिवहन के माध्यम से वस्तुएं उपभोक्ता तक पहुँचती हैं।
    (iv) किसी देश का विकास वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन के साथ-साथ उनके स्थानिक गतिशीलता पर निर्भर करता है।

    Question 14
    CBSEHHISSH10018702

    बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा अपनी उत्पादन इकाइयों को स्थापित करने के लिए, ध्यान में रखने योग्य किन्हीं तीन परिस्थितियों की परख कीजिए।

    Solution

    राष्ट्रीय कंपनियों द्वारा उत्पादन इकाइयों के स्थापित करने की परिस्थितियां -
    (i) सरकारी अनुकूल नीति।
    (ii) बाजार की निकटता का होना।
    (iii) कम लागत पर कुशल और अकुशल श्रम की उपलब्धता।

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