आर्थिक विकास की समझ Chapter 5 उपभोक्ता अधिकार
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    NCERT Solution For Class 10 सामाजिक विज्ञान आर्थिक विकास की समझ

    उपभोक्ता अधिकार Here is the CBSE सामाजिक विज्ञान Chapter 5 for Class 10 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 10 सामाजिक विज्ञान उपभोक्ता अधिकार Chapter 5 NCERT Solutions for Class 10 सामाजिक विज्ञान उपभोक्ता अधिकार Chapter 5 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 10 सामाजिक विज्ञान.

    Question 1
    CBSEHHISSH10018452

    भारत में उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत किन कारणों से हुई? इसके विकास के बारे में पता लगाएँ।

    Solution

    (i) भारत में 'सामाजिक बल' के रूप में उपभोक्ता आंदोलन का जन्म, अनैतिक और अनुचित व्यवसाय कार्यों से उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने और प्रोत्साहित करने की आवश्यकता के साथ हुआ।
    (ii) अत्यधिक खाद्य कमी, जमाखोरी, कालाबाजारी, खाद्य पदार्थों एवं खाद्य तेल में मिलावट की वजह से 1960 के दशक में व्यवस्थित रूप में उपभोक्ता आंदोलन का उदय हुआ।
    (iii) 1970 के दशक तक उपभोक्ता संस्थाएँ वृहत् स्तर पर उपभोक्ता अधिकार से सम्बंधित आलेखों के लेखन और प्रदर्शनी का आयोजन का कार्य करने लगीं थीं। उन्होंने सड़क यात्री परिवहन में अत्यधिक भीड़-भाड़ और राशन दुकानों में होने वाले अनुचित कार्यों पर नज़र रखने के लिए उपभोक्ता दाल बनाया। हाल में, भारत में उपभोक्ता दलों की संख्या में भारी वृद्धि हुई हैं।
    (iv) इन सभी प्रयासों के परिणामस्वरूप, यह आंदोलन वृहत् स्तर पर उपभोक्ताओं के हितों के खिलाफ और अनुचित व्यवसाय शैली को सुधारने के लिए व्यावसायिक कंपनियों और सरकार दोनों पर दवाब डालने में सफल हुआ।
    (v) 1986 में भारत सरकार द्वारा एक बड़ा कदम उठाया गया। यह उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम, 1986 कानून का बनना था, जो कोपरा ने नाम से प्रसिद्ध है।

    Question 2
    CBSEHHISSH10018453

    दो उदाहरण देकर उपभोक्ता जागरूकता की ज़रूरत का वर्णन करें।

    Solution

    उपभोक्ता जागरूकता की आवश्यकता इसलिए महसूस की गई क्योंकि अपने स्वार्थ के चलते निर्माता और व्यापारी किसी भी हद तक जा सकते थे। वस्तुओं की कृत्रिम मांग बनाने के लिए वे आवश्यक वस्तुओं को अपने पास भण्डारित करके रख सकते थे।
    (i) एक कंपनी ने यह दावा करते हुए कि माता के दूध से हमारा उत्पाद बेहतर है, सर्वाधिक वैज्ञानिक उत्पाद के रूप में शिशुओं के लिए दूध का पाउडर पुरे विश्व में कोई वर्षों तक बेचा। कई वर्षों के लगातार संघर्ष के बाद कंपनी को यह स्वीकार करना पड़ा कि वह झूठे दावे करती आ रही थी।
    (ii) इसी तरह, सिगरेट उत्पादक कंपनियों से यह बात मनवाने के लिए कि उनका उत्पाद कैंसर का कारण हो सकता है, न्यायालय में लम्बी लड़ाई लड़नी पड़ी।

    Question 3
    CBSEHHISSH10018454

    कुछ ऐसे कारकों की चर्चा करें, जिनसे उपभोक्ताओं का शोषण होता है?

    Solution

    उपभोक्ताओं के शोषण का कारण बनने वाले कारकों का उल्लेख नीचे दिया गया है:

    (i) कुटिलता और भ्रष्टाचार: शुल्क, जमाखोरी, मिलावट, काला बाज़ारी , कम वजन आदि।

    (ii) लापरवाही और झूठी सूचना: अस्पतालों में चिकित्सकों / सर्जनों और अन्य स्टाफ सदस्यों की लापरवाही, स्कूल में प्रिंसिपल / शिक्षकों की लापरवाही और सभी सरकारी कार्यालयों में सरकारी अधिकारी की लापरवाही से उपभोक्ताओं का शोषण होता है।

    (iii) उपभोक्ताओं को माल या उत्पादों के बारे में सीमित और गलत जानकारी दी जाती है। जिससे उपभोक्ता गलत विकल्प का चुनाव करते हैं परिणामस्वरूप उनका शोषण होता है।

    (iv) कम साक्षरता: उपभोक्ता शोषण की ओर जाता है क्योंकि उन्हें उत्पादों के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती है।

    (v) यदि उत्पाद के एक या कुछ उत्पादक हैं, तो कीमतों में आपूर्ति और आपूर्ति में हेरफेर की संभावना है।



    Question 4
    CBSEHHISSH10018455

    उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम, 1986 के निर्माण की ज़रूरत क्यों पड़ी?

    Solution

    (i) बाज़ार में उपभोक्ता को शौषण से बचाने के लिए कोई कानूनी व्यवस्था उपलब्ध नहीं थी। लम्बे समय तक, जब एक उपभोक्ता एक विशेष ब्रांड उत्पाद या दुकान से संतुष्ट नहीं होता था तो सामान्यतः वह उस ब्रांड उत्पाद को खरीदना बंद कर देता था या उस दुकान से खरीददारी करना बंद कर देता था ।
    (ii) यह मान लिया जाता था कि यह उपभोक्ता की जिम्मेदारी है कि एक वस्तु या सेवा को खरीदते वक्त वह सावधानी बरते। भारत में 'सामाजिक बल' के रूप में उपभोक्ता आंदोलन का जन्म, अनैतिक और अनुचित व्यवसाय कार्यों से उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने और प्रोत्साहित करने की आवश्यकता के साथ हुआ।
    (iii) अत्यधिक खाद्य कमी, जमाखोरी, कालाबाजारी, खाद्य पदार्थों एवं खाद्य तेल में मिलावट की वजह से 1960 के दशक में व्यवस्थित रूप में उपभोक्ता आंदोलन का उदय हुआ।
    (iv) 1970 के दशक तक उपभोक्ता संस्थाएँ वृहत् स्तर पर उपभोक्ता अधिकार से सम्बंधित आलेखों के लेखन और प्रदर्शनी का आयोजन का कार्य करने लगीं थीं। उन्होंने सड़क यात्री परिवहन में अत्यधिक भीड़-भाड़ और राशन दुकानों में होने वाले अनुचित कार्यों पर नज़र रखने के लिए उपभोक्ता दाल बनाया। हाल में, भारत में उपभोक्ता दलों की संख्या में भारी वृद्धि हुई हैं।
    (v) इन सभी प्रयासों के परिणामस्वरूप, यह आंदोलन वृहत् स्तर पर उपभोक्ताओं के हितों के खिलाफ और अनुचित व्यवसाय शैली को सुधारने के लिए व्यावसायिक कंपनियों और सरकार दोनों पर दवाब डालने में सफल हुआ। 1986 में भारत सरकार द्वारा एक बड़ा कदम उठाया गया। यह उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम, 1986 कानून का बनना था, जो कोपरा ने नाम से प्रसिद्ध है।

    Question 5
    CBSEHHISSH10018456

    अपने क्षेत्र के बाज़ार में जाने पर उपभोक्ता के रूप में अपने कुछ कर्तव्यों का वर्णन करें।

    Solution

    अपने अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए उपभोक्ता को निम्नलिखित कर्तव्यों का पालन कारण चाहिए।(i) खरीदी जाने वाली वस्तुओं की गुणवत्ता देखनी चाहिए। 
    (ii) गारंटी और खरीददारी के बाद सेवा संबंधी रसीद और नकद भुगतान रसीद अवश्य लेनी चाहिए।(iii) वस्तुओं पर गुणवत्ता के प्रतीक निशानों जैसे आई. एस. आई. एग्मार्क, हॉलमार्क  आदि देखने चाहिए।
    (iv) बेईमान, धोकेबाज़,  उत्पादकों, व्यापारियों, दुकानदारों तस्करों, जमाखोरों, अधिक कीमत लेने वालों की शिकयात पुलिस और उपभोक्ता न्यायालय में अवश्य करनी चाहिए।  
    (v) उपभोक्ता संगठन का सदस्य बनना चाहिए। सरकार द्वारा गठित कमेटियों में अपने प्रतिनिधि भेजने  की कोशिश करनी चाहिए। 


     

    Question 6
    CBSEHHISSH10018457

    मान लीजिए, आप शहद की एक बोतल और बिस्किट का एक पैकेट खरीदते हैं। खरीदते समय आप कौन सा लोगो या शब्द चिह्न देखेंगे और क्यों?

    Solution

    यदि मैं शहद की बोतल और बिस्कुट का पैकेट खरीदूँगा तो खरीदते समय निम्न बातों और शब्द चिह्रों को अवश्य देखूँगा-  
    (i) पैकेट पर और बोतल पर आई. एस. आई या एगमार्क को देखकर पूरी तरह पहचानूँगा।

    (ii) शहद को बोतल और बिस्कुट की पैकिंग और बोतल की सील अवश्य देखूँगा।
    क्योंकि जब उपभोक्ता कोई वस्तु या सेवाएँ खरीदता है, तो ये शब्दचिह्र (लोगो) और प्रमाणक चिह्र उन्हें अच्छी गुणवत्ता सुनिश्चित कराने में मदद करते हैं। ऐसे संगठन जो की अनुवीक्षण तथा प्रमाणपत्रों को जारी करते हैं, उत्पादकों को उनके द्वारा श्रेष्ठ गुणवत्ता पालन करने की स्थिति में शब्दचिह्र (लोगो को) प्रयोग करने की अनुमति देते हैं।        


           
    Question 7
    CBSEHHISSH10018458

    भारत में उपभोक्ताओं को समर्थ बनाने के लिये सरकार द्वारा किन कानूनी मानदंडों को लागू करना चाहिए?

    Solution

    भारत में उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कानूनी उपाय नीचे दिए गए हैं:

    (i) 1986 में भारत सरकार द्वारा एक बड़ा कदम उठाया गया। यह उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम, 1986 कानून का बनना था, जो कोपरा के नाम से प्रसिद्ध है।
    (ii) कोपरा के अंतर्गत उपभोक्ता विवादों के निपटारे के लिए जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तरों पर एक त्रिस्तरीय न्यायिक तंत्र स्थापित किया गया है।
    (iii) जिला स्तर का न्यायालय 20 लाख तक के दावों से सम्बंधित मुकदमों पर विचार करता है, राज्य स्तरीय अदालतें 20 लाख से एक करोड़ तक और राष्ट्रीय स्तर की अदालतें 1 करोड़ से ऊपर की दावेदारी से सम्बंधित मुकदमों को देखती हैं।
    (iv) यदि कोई मुकदमा जिला स्तर के न्यायालय में खारिज कर दिया जाता है, तो उपभोक्ता राज्य स्तर के न्यायालय में और उसके बाद राष्ट्रीय स्तर के न्यायालय में भी अपील कर सकता है। इस प्रकार, अधिनियम ने उपभोक्ता के रूप में उपभोक्ता न्यायालय में प्रतिनिधित्व का अधिकार देकर हमें समर्थ बनाया है।
    (v) कोपरा अधिनियम ने केंद्र और राज्य सरकारों में उपभोक्ता मामले के अलग विभागों को स्थापित करने में मुख्य भूमिका अदा की है।



    Question 8
    CBSEHHISSH10018459

    उपभोक्ताओं के कुछ अधिकारों को बताएँ और प्रत्येक अधिकार पर कुछ पंक्तियाँ लिखें।

    Solution

    (i) सुरक्षा का अधिकार: उपभोक्ताओं को अधिकार हैं कि वे उन वस्तुओं की बिक्री से अपना बचाव कर सकें जो उनके जीवन और संपत्ति के लिए खतरनाक हैं ।
    (ii) सूचना का अधिकार: इसके अंतर्गत गुणवत्ता, मात्रा शुद्धता, स्तर और मूल्य आते हैं।
    (iii) सुनवाई का अधिकार: उपभोक्ता के हितों से जुड़ी उपयुक्त संस्थाएँ/संगठन उपभोक्ताओं की समस्याओं पर पूरा ध्यान दें।
    (iv) चुनने का अधिकार: विभिन्न वस्तुओं को देख-परख के चुनाव करने का आश्वासन। यदि माल की श्रतिपूर्ति करने वाले एक ही हों तो? इसका अर्थ हैं संतोषजनक गुणवत्ता व सही मूल्य का आश्वासन ।
    (v) शिकातयें निपटाने का अधिकार: उपभोक्ताओं के शोषण व अनुचित व्यापारिक क्रियाओं के विरुद्ध निदान और शिकायतों का सही प्रकार से निपटाना ।

    Question 9
    CBSEHHISSH10018460

    उपभोक्ता अपनी एकजुटता का प्रदर्शन कैसे कर सकते हैं?

    Solution

    उपभोक्ता अपनी एकजुटता का प्रदर्शन इस प्रकार कर सकते हैं:
    (i) वे सरकार द्वारा उपभोक्ता सरंक्षण एवं हिस्सेदारी सम्बन्धी कमेटियों के साथ सलंग्न हो सकते हैं तथा RTI का प्रयोग कर सकते हैं तथा सरकार/विभाग से पूरी जानकारी पा सकते हैं।  
    (ii) विभिन्न विभागों तथा सेवकों द्वारा गठित श्रम संघो (ट्रेड यूनियनों) तथा यूनियनों की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं।
    (iii) उपभोक्ता संघ एवं फोरम बना सकते हैं। वे इनका उपयोग अपने अधिकारों की सुरक्षा के लिए कर सकते हैं।
    (iv) वे कानून विशेषज्ञों, वकीलों तथा पुलिस एवं उपभोक्ता न्यायालयों का सहारा भी ले सकते हैं।
    (v) वे बेईमान उत्पादकों, वितरकों, दुकानदारों, व्यापारियों, अस्पतालों, शिक्षा संस्थाओं के गलत कार्यों के विरुद्ध प्रदर्शन प्रचार, घेराव कर सकते हैं। 


     

    Question 10
    CBSEHHISSH10018461

    भारत में उपभोक्ता आंदोलन की प्रगति की समीक्षा करें।

    Solution

    भारत में उपभोक्ता आंदोलन की प्रगति की समीक्षा:

    (i) भारत में 'सामाजिक बल' के रूप में उपभोक्ता आंदोलन का जन्म, अनैतिक और अनुचित व्यवसाय कार्यों से उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने और प्रोत्साहित करने की आवश्यकता के साथ हुआ।

    (ii) अत्यधिक खाद्य कमी, जमाखोरी, कालाबाजारी, खाद्य पदार्थों एवं खाद्य तेल में मिलावट की वजह से 1960 के दशक में व्यवस्थित रूप में उपभोक्ता आंदोलन का उदय हुआ।

    (iii) 1970 के दशक तक उपभोक्ता संस्थाएँ वृहत् स्तर पर उपभोक्ता अधिकार से सम्बंधित आलेखों के लेखन और प्रदर्शनी का आयोजन का कार्य करने लगीं थीं। उन्होंने सड़क यात्री परिवहन में अत्यधिक भीड़-भाड़ और राशन दुकानों में होने वाले अनुचित कार्यों पर नज़र रखने के लिए उपभोक्ता दाल बनाया। हाल में, भारत में उपभोक्ता दलों की संख्या में भारी वृद्धि हुई हैं।

    (iv) इन सभी प्रयासों के परिणामस्वरूप, यह आंदोलन वृहत् स्तर पर उपभोक्ताओं के हितों के खिलाफ और अनुचित व्यवसाय शैली को सुधारने के लिए व्यावसायिक कंपनियों और सरकार दोनों पर दवाब डालने में सफल हुआ।

    (v) 1986 में भारत सरकार द्वारा एक बड़ा कदम उठाया गया। यह उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम, 1986 कानून का बनना था, जो कोपरा ने नाम से प्रसिद्ध है।

    Question 11
    CBSEHHISSH10018462

    निम्नलिखित को सुमेलित करें

    A. एक उत्पाद के घटकों का विवरण (i) सुरक्षा का अधिकार
    B. एगमार्क (ii) उपभोक्ता मामलों में संबंध
    C. स्कूटर में खराब इंजन के कारण हुई दुर्घटना (iii) अनाजों और खाद्य तेल का प्रमाण
    D. जिला उपभोक्ता अदालत विकसित करने वाली एजेंसी (iv) उपभोक्ता कल्याण संगठनों की अंतर्राष्ट्रीय संस्था
    E. उपभोक्ता इंटरनेशनल (v) सूचना का अधिकार
    F. भारतीय मानक ब्यूरो (vi) वस्तुओं और सेवाओं के लिये मानक

    Solution

    A.

    एक उत्पाद के घटकों का विवरण

    (i)

    सूचना का अधिकार

    B.

    एगमार्क

    (ii)

    अनाजों और खाद्य तेल का प्रमाण

    C.

    स्कूटर में खराब इंजन के कारण हुई दुर्घटना

    (iii)

    सुरक्षा का अधिकार

    D.

    जिला उपभोक्ता अदालत विकसित करने वाली एजेंसी

    (iv)

    उपभोक्ता मामलों में संबंध

    E.

    उपभोक्ता इंटरनेशनल

    (v)

    उपभोक्ता कल्याण संगठनों की अंतर्राष्ट्रीय संस्था

    F.

    भारतीय मानक ब्यूरो

    (vi)

    वस्तुओं और सेवाओं के लिये मानक

    Question 12
    CBSEHHISSH10018463

    सही या गलत बताएँ

    A.

    कोपरा केवल सामानों पर लागू होता है।

    B.

    भारत विश्व के उन देशों में से एक है, जिसके पास उपभोक्ताओं की समस्याओं के निवारण के लिये विशिष्ट अदालतें हैं।

    C.

    जब उपभोक्ता को ऐसा लगे कि उसका शोषण हुआ है, तो उसे जिला उपभोक्ता अदालत में निश्चित रूप से मुकदमा दायर करना चाहिए।

    D.

    जब अधिक मूल्य का नुकसान हो, तभी उपभोक्ता अदालत में जाना लाभप्रद होता है।

    E.

    हॉलमार्क, आभूषणों की गुणवत्ता बनाए रखने वाला प्रमाण है।

    F.

    उपभोक्ता समस्याओं के निवारण की प्रक्रिया अत्यंत सरल और शीघ्र होती है।

    G.

    उपभोक्ता को मुआवजा पाने का अधिकार है, जो क्षति की मात्रा पर निर्भर करती है।

    Solution
    A. असत्य
    B. सत्य
    C. सत्य
    D. असत्य
    E. सत्य
    F. असत्य
    G. सत्य
    Question 13
    CBSEHHISSH10018679

    बाज़ार में नियमों तथा विनियमों की आवश्यकता क्यों पड़ती है? कुछ उदाहरणों के द्वारा समझाएँ।

    Solution

    बाज़ार में उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए नियम एवं विनियमों की आवश्यकता होती है, क्योंकि अकेला उपभोक्ता प्राय: स्वयं को कमजोर स्थिति में पाता है। खरीदी गयी वस्तु या सेवा के बारे में जब भी कोई शिकायत होती है, तो विक्रेता सारा उत्तरदायित्व क्रेता पर डालने का प्रयास करता है।
    बाज़ार में शोषण कई रूपों में होता है।
    उधारणार्थ:
    (i) कभी-कभी व्यापारी अनुचित व्यापार करने लग जाते हैं, जैसे दुकानदार उचित वजन से काम वजन तौलते हैं या व्यापारी उन शुल्कों को जोड़ देते हैं, जिनका वर्णन पहले न किया गया हो या मिलावटी/दोषपूर्ण वस्तुएँ बेची जाती हैं।
    (ii) उदाहरण के लिए, एक कंपनी ने यह दावा करते हुए की माता के दूध से हमारा उत्पाद बेहतर है, सर्वाधिक वैज्ञानिक उत्पाद के रूप में शिशुओं के लिए दूध का पाउडर पूरे विश्व में कई वर्षों तक बेचा। कई वर्षों के लगातार संघर्ष के बाद कंपनी को यह स्वीकार करना पड़ा की वह झूठे दावे करती आ रही थी।

    Question 14
    CBSEHHISSH10018703

    भारत में उपभोक्ता आंदोलन के प्रारंभ होने के किन्हीं तीन कारणों का विश्लेषण कीजिए।

    Solution

    उपभोक्ता आंदोलन के प्रारम्भ होने के कारण -
    (i) उपभोक्ताओं का असंतोष।
    (ii) बाजार में उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए नियम विनियम का न होना।
    (iii) व्यापारियों द्वारा अनुचित व्यापार करने में लगे होना।

    Question 15
    CBSEHHISSH10018706

    महात्मा गाँधी के विचारों और 'स्वराज' की अवधारणा के बारे में बागान मजदूरों की अपनी समझ थी।' कथन की पुष्टि कीजिए।

    Solution

    गाँधी जी के विचारों और 'स्वराज' की अवधारणा के बारे में मजदूरों की समझ -
    i. बागानी मजदूरों के लिए आजादी का महत्त्व था कि वे उन चारदीवारियों से जब चाहे आ जा सकते हैं जिनमें उनको बंद करके रखा गया था।
    ii. वे अपने गावों से संपर्क रख पाएंगे।
    iii. बागानों में काम करने वाले मजदूरों को बिना इजाजत के बागान से बाहर जाने की छोट नहीं थी। उन्हें इजाजत कभी कभी मिलती थी।
    iv. जब उन्होंने असहयोग आंदोलन के विषय में सुना तो हजारों मजदूर अपने अधिकारियों की अवहेलना करने लगे। उन्होंने बागान छोड़ दिए और अपने घरों को चल दिए।
    v. उन्हें लगता था कि गाँधी राज आ रहा है। इसलिए अब तो हरेक को अपने गांव में जमीन मिल जाएगी।

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