दो उदाहरण देकर उपभोक्ता जागरूकता की ज़रूरत का वर्णन करें।
उपभोक्ता जागरूकता की आवश्यकता इसलिए महसूस की गई क्योंकि अपने स्वार्थ के चलते निर्माता और व्यापारी किसी भी हद तक जा सकते थे। वस्तुओं की कृत्रिम मांग बनाने के लिए वे आवश्यक वस्तुओं को अपने पास भण्डारित करके रख सकते थे।
(i) एक कंपनी ने यह दावा करते हुए कि माता के दूध से हमारा उत्पाद बेहतर है, सर्वाधिक वैज्ञानिक उत्पाद के रूप में शिशुओं के लिए दूध का पाउडर पुरे विश्व में कोई वर्षों तक बेचा। कई वर्षों के लगातार संघर्ष के बाद कंपनी को यह स्वीकार करना पड़ा कि वह झूठे दावे करती आ रही थी।
(ii) इसी तरह, सिगरेट उत्पादक कंपनियों से यह बात मनवाने के लिए कि उनका उत्पाद कैंसर का कारण हो सकता है, न्यायालय में लम्बी लड़ाई लड़नी पड़ी।