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विश्व बैंक विभिन वर्गों का वर्गीकरण करने के लिए किस प्रमुख मापदंड का प्रयोग करता है? इस मापदण्ड की, अगर कोई हैं, तो सीमाएँ क्या हैं?
विभिन्न देशों के वर्गीकरण में विश्व बैंक द्वारा उपयोग किए जाने वाले मुख्य मापदंड:
प्रति व्यक्ति आय वाले देश जिनके प्रति वर्ष 12616 डॉलर प्रति वर्ष और उससे अधिक की राशि है, उन्हें अमीर देश कहा जाता है और जिनकी प्रति व्यक्ति आय 1035 अमेरिकी डॉलर या उससे कम है उन्हें कम आय वाले देश कहते हैं। भारत कम मध्यम आय वाले देशों की श्रेणी में आता है क्योंकि 2012 में प्रति व्यक्ति आय केवल 1530 डॉलर प्रति वर्ष थी। मध्य पूर्व और कुछ अन्य छोटे देशों को छोड़कर अमीर देशों को सामान्यतः विकसित देश कहा जाता है।
सीमियाएँ:
इस मापदंड की सीमाएं यह है कि जबकि औसत आय प्रतिस्पर्धा के लिए उपयोगी है, यह हमें यह नहीं बताती है कि लोगों के बीच यह आय कितनी है, एक देश में अधिक न्यायसंगत वितरण हो सकता है। लोग न तो बहुत अमीर हो सकते हैं और न ही बहुत गरीब हैं लेकिन एक ही देश में एक ही औसत आय के साथ, एक व्यक्ति अत्यंत समृद्ध हो सकता है, जबकि अन्य बहुत खराब हो सकते हैं इसलिए, औसत आय की विधि किसी देश की सही तस्वीर नहीं देती है।
यह मापदंड लोगों के बीच असमानताओं को छुपाता है।
विकास मापने का यू. एन. डी. पी. का मापदण्ड किन पहलुओं में विश्व बैंक के मापदण्ड से अलग हैं?
यूएनडीपी (संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम) देशों की तुलना उस देश के लोगों के शैक्षिक स्तर, उनके स्वास्थ्य और प्रति व्यक्ति आय प्रति वर्ष के आधार पर करता हैं। किन्तु उस देश के लोगों के शैक्षिक स्तर, उनके स्वास्थ्य और प्रति व्यक्ति आय प्रति वर्ष के आधार पर करता हैं किन्तु विकास को मापने के लिए विश्व बैंक द्वारा उपयोग किए जाना वाला मापदण्ड केवल प्रति व्यक्ति अथवा औसत आय हैं।
संक्षेप में, मानव विकास मापदण्ड यूएनडीपी द्वारा उपयोग किया जाता है, जबकि विश्व बैंक द्वारा केवल आर्थिक विकास किया जाता है।
हम औसत का प्रयोग क्यों करते हैं ? इनके प्रयोग करने की क्या कोई सीमाएँ हैं ? विकास से जुड़े अपने उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए ।
हम औसत का प्रयोग इसलिए करते हैं क्योंकि दो देशों की आर्थिक स्थिति को जाने का यह सबसे अधिक सरल मापदंड हैं। किसी देश की आय को यदि उसकी कुल जनसंख्या से विभाजित कर दिया जाए तो हमें उसकी औसत आय प्राप्त हो जाती हैं। इसी प्रकार औसत विभिन्न विषयों के बारे में प्राप्त की जा सकती हैं।
हालांकि 'औसतें' तुलना के लिहाज़ से उपयोगी हैं, इससे आसमानताएँ छुपती हैं।
उदाहरण के लिए, दो 'देश क' और 'ख' देखते हैं। सरलता के लिए, हम जानते हैं की प्रत्येक देश में 5 निवासी हैं। निम्न तालिका में दिए आँकड़ों के अनुसार, दोनों देशों की औसत आय निकालिए।
देश | 2007 में नागरिकों की मानसिक आय (रुपए में ) | |||||
I | II | III | IV | V | औसत | |
देश क | 9500 | 10500 | 9800 | 10000 | 10200 | 10000 |
देश ख | 500 | 500 | 500 | 500 | 48000 | 10000 |
क्या आपको दोनों देशों में रहने पर बराबर ख़ुशी होगी? क्या दोनों देश बराबर विकसित हैं? शायद हममें से कुछ लोग देश 'ख' में रहना पसंद करेंगे अगर हमें यह आश्वासन हो की हम उस देश के पाँचवें नागरिक होंगे। लेकिन अगर हमारी नागरिकता संख्या लॉटरी के ज़रिए निश्चित होगी तो शायद हममें से ज्यादातर लोग देश 'क' में रहना पसदं करेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि हालांकि दोनों देशों की औसत आय एक सामान है, देश 'क' के लोग न तो बहुत अमीर हैं न बहुत गरीब, जबकि देश 'ख' के ज़्यादातर नागरिक गरीब हैं और एक व्यक्ति बहुत अमीर है । इसलिए हालाँकि औसत आय तुलना के लिए उपयोगी है इससे यह पता नहीं चलता कि यह आय लोगों में किस तरह वितरित हैं।
प्रतिव्यक्ति आय कम होने पर भी केरल का मानव विकास क्रमांक पंजाब से ऊँचा है। इसलिए प्रतिव्यक्ति आय एक उपयोगी मापदण्ड बिल्कुल नहीं है और राज्यों की तुलना के लिए इसका उपयोग नहीं करना चाहिए। क्या आप सहमत है। चर्चा कीजिए।
पंजाब और केरल के कुछ तुलनात्मक आँकड़े:
राज्य | शिशु मृत्यु दर प्रति 1000 व्यक्ति (2003) | साक्षरता दर % 2001 | कक्षा 1 से 5 का निवल उपस्थिति अनुपात (1995-96) | प्रति व्यक्ति आय 2002-03 |
पंजाब | 49 | 70 | 81 | 26000 |
केरल | 11 | 91 | 91 | 22800 |
में उपर्युक्त कथन से किसी सीमा तक सीमित हूँ-
(i) निसंदेह पंजाब की तुलना में केरल की प्रति व्यक्ति आय इस तालिका में दिए गए आँकड़ों के अनुसार कम है, लेकिन आय आँकड़ें जैसे की वर्ष 2002 में प्रति एक हज़ार शिशु मृत्यु दर केरल में मात्र 11 है तो उसी समय में पंजाब में यह दर काफी ऊँची अर्थात् 49 है जो केरल में अच्छी स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्धि का प्रतीक हैं।
(ii) इसी तरह साक्षरता दर प्रतिशत 2001 में केरल में 91 हैं तो पंजाब में उससे काफी निम्न हैं जो कि मात्र 70 हैं। यह केरल में उच्च साक्षरता या अच्छी शिक्षा सुविधाओं कि उपलब्धि का प्रतीक हैं।
(iii) प्राथमिक शिक्षा में छात्रों की उपस्थिति की दृष्टि से केरल की स्थिति पंजाब की अपेक्षा बेहतर है। पंजाब में 1995-96 में केवल अनुपात 81 छात्रों का है तो केरल में यह अनुपात 91 है।
भारत के लोगों द्वारा ऊर्जा के किन स्रोतों का प्रयोग किया जाता हैं? ज्ञात कीजिए। अब से 50 वर्ष पश्चात क्या सम्भावनाएँ हो सकती हैं?
भारत में ऊर्जा के अग्रलिखित स्रोतों का आजकल प्रयोग किया जाता हैं: मानव संसाधन , पशु साधन, कोयला, विद्युत, ताप विद्युत, जल विद्युत, पेट्रोल, डीजल, मिट्टी का तेल, सौर ऊर्जा, प्राकृतिक ऊर्जा परमाणु शक्ति ऊर्जा।
पचास वर्षों के बाद संभावनाएं: पेट्रोलियम और पेट्रोलियम उत्पादों जैसे ऊर्जा के कुछ स्रोतों का भारत को संकट का सामना करना होगा। आज भी, भारत विदेश से आयातित तेल पर निर्भर करता है क्योंकि आज तक उसके पास पर्याप्त स्टॉक नहीं है। तेल और उससे संबंधित वस्तुओं की बढ़ती कीमतें हर किसी के लिए बोझ बन रही है। भारत को सौर ऊर्जा का उपयोग ऊर्जा के एक प्रमुख स्रोत के रूप में करना होगा या उसे नए विकल्पों को ख़ोजना होगा।
धारणीयता का विषय विकास के लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं?
विकास का मतलब केवल वर्तमान को खुशहाल बनाना ही नहीं है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर भविष्य बनाना भी है। धारणीयता का मतलब होता है ऐसा विकास करना जो आने वाले कई वर्षों तक सतत चलता रहे। यह तभी संभव होता है जब हम संसाधन का दोहन करने की बजाय उनका विवेकपूर्ण इस्तेमाल करते हैं।
पिछली सदी में दुनिया के तेजी से औद्योगिकीकरण से स्थायी विकास का मुद्दा उभरा है। यह महसूस किया जाता है कि आर्थिक विकास और औद्योगिकीकरण ने प्राकृतिक संसाधनों का बहुत शोषण किया है। स्थिरता प्राकृतिक संसाधनों का तर्कसंगत उपयोग को बढ़ावा देती है।
यदि हम उन्हें आर्थिक रूप से इस्तेमाल करते हैं तो विकास के लिए हमारे वर्तमान और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए धरती में पर्याप्त संसाधन हैं। लेकिन, यदि हम तेजी से आर्थिक विकास के लालच में उनका उपयोग करते हैं, तो हमारी दुनिया एक विशाल बर्बाद भूमि बन सकती है।
धरती के पास सब लोगों की आवशयकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं, लेकिन एक भी व्यक्ति के लालच को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। यह कथन विकास की चर्चा में कैसे प्रासंगिक है? चर्चा कीजिए।
हमारे चारों ओर पर्यावरण की गिरावट के कुछ उदाहरण हैं:
(i) भूजल के स्तर में गिरावट।
(ii) ओजोन परत की कमी।
(iii) वनों में कटौती की जा रही है, जंगली जानवरों और पशुओं का शिकार किया जा रहा है।
(iv) यहाँ की हवा इतनी प्रदूषित है कि मेरे आस पड़ोस में रहने वाले अधिकतर लोगों को सांस की बीमारी है।
मापदण्ड | सबसे ऊपर | सबसे नीचे |
प्रति व्यक्ति आय | श्रीलंका | म्यानमार |
अधिकतम आयु | श्रीलंका | म्यानमार |
साक्षरता दर | श्रीलंका | बांग्लादेश |
स्कूल में नामांकन की दर | श्रीलंका | पाकिस्तान |
राज्य | पुरुष (%) | महिला (%) |
केरल | 22 | 19 |
कर्नाटक | 36 | 38 |
मध्य प्रदेश | 43 | 42 |
सभी राज्य | 37 | 36 |
'आनंदमठ' उपन्यास के लेखक का नाम लिखिए।
'आनंदमठ' उपन्यास के लेखक का नाम 'बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय' है।
यदि आप किसी सरकारी विभाग के कार्य-कलापों की सूचना प्राप्त करना चाहता है, तब आप किस अधिकार का प्रयोग करेंगे?
जब हम सरकारी विभाग के कार्य-कलापों की सूचना प्राप्त करना चाहता है, तब हम आर0टी0आई0एक्ट (सूचना पाने का अधिकार) अधिकार का प्रयोग करेंगे।
कृषि तथा उद्योगों की पारस्परिक निर्भरता को उदाहरणों द्वारा स्पष्ट कीजिए।
कृषि और उद्योगों की पारस्परिक निर्भरता -
(i) कृषि आधारित उद्योगों ने कृषि पैदावार बढ़ाने में प्रोत्साहन प्रदान किया है।
(ii) उद्योग कच्चे माल के लिए कृषि पर निर्भर है।
(iii) उद्योगों द्वारा निर्मित उत्पाद जैसे सिंचाई के लिए पंप, उर्वरक, कीटनाशक दवाएं, प्लास्टिक पाइप, मशीनें व कृषि औजार आदि पर किसान निर्भर हैं।
(iv) विनिर्माण उद्योग के विकास तथा स्पर्धा से न केवल कृषि उत्पादन को बढ़ावा मिला है अपितु उत्पादन प्रक्रिया भी सक्षम हुई है।
निवेश और विदेशी निवेश में अंतर कीजिए।
निवेश और विदेशी निवेश में अंतर - परिसंपत्तियों (भूमि, भवन, मशीन और अन्य उपकरणों) की खरीद में व्यय की गई मुद्रा को निवेश कहते हैं; जबकि बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा किये गए निवेश को विदेशी निवेश कहते हैं।
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उद्योग को पूँजी निवेश के आधार पर वर्गीकृत कीजिए। वे किस प्रकार एक-दूसरे से भिन्न हैं? उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए।
पूँजी निवेश के आधार पर उद्योगों का वर्गीकरण :-
(i) लघु उद्योग
(ii) बृहत उद्योग
अंतर :-
यदि किसी उद्योग में निवेश एक करोड़ रूपये से अधिक है तो उसे बृहत उद्योग कहा जाता है। उदहारण के लिए लोहा और इस्पात उद्योग/ सीमेंट उद्योग (कोई अन्य उदाहरण), जबकि एक करोड़ रूपये से कम निवेश वाले उद्योग लघु उद्योग की श्रेणी में आते हैं। उदाहरण के लिए प्लास्टिक उद्योग, खिलौना यद्योग आदि।
'सक्षम परिवहन के साधन तीव्र विकाश हेतु पूर्व-अपेक्षित हैं।' इस कथन के पक्ष में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
'सक्षम परिवहन के साधन तीव्र विकाश हेतु पूर्व-अपेक्षित हैं क्योंकि पहले के मुकाबले आज हम ज्यादा टेक्नोलॉजी उपयोग करते हैं। सड़क निर्माण, हवाई जहाज यात्रा, रेल यात्रा आदि पहले से ज्यादा सुरक्षित हुई है। अब हम किसी भी शहर, देशाटन की यात्रा कुछ चंद घंटों में कर सकते हैं।
पेट्रोलियम के महत्ता को उजागर कीजिए। भारत में पेट्रोलियम की उपस्थिति की व्याख्या कीजिए।
पेट्रोलियम की महत्ता:-
(i) भारत में पेट्रोलियम ऊर्जा का प्रमुख स्त्रोत है।
(ii) यह ताप व प्रकाश के लिए ईंधन प्रदान करता है।
(iii) मशीनों के लिए स्नेहक उपलब्ध करता है।
(iv) अनेक विनिर्माण उद्योगों को कच्चा माल प्रदान करता है।
(v) तेल शोधन शालएं, शंश्लेषित वस्त्र, उर्बरक तथा रसायन उद्योगों में एक नोडीय बिंदु का काम करती हैं।
पेट्रोलियम की उपस्थिति :-
(i) भारत में अधिकांश पेट्रोलियम की उपस्थिति शैल संरचनाओं के अपनति व भ्रंश ट्रैप में पाई जाती है।
(ii) वलन, अपनीति और गुम्बदों वाले प्रदेशों में यह वहॉं पाया जाता है, जहॉं उध्दवलय के शीर्ष में तेल ट्रैप हुआ होता है।
(iii) पेट्रोलियम सरंघ्र और असरंघ्र चट्टानों के बीच भ्रंश ट्रैप में पाया जाता है।
'किसी देश की आर्थिक उन्नति विनिर्माण उद्योगों के विकास से मापी जाती है।' तर्कों सहित इस कथन की पुष्टि कीजिए।
आर्थिक विकास में विनिर्माण उद्योगों की भूमिका :-
(i) विनिर्माण क्षेत्रक अर्थिक विकास की रीढ़ समझे जाते हैं।
(ii) सर्वतोन्मुखी विकास, उद्योगों पर निर्भर है।
(iii) विनिर्माण उद्योग कृषि के आधुनिकीकरण में सहायक है।
(iv) विनिर्माण उद्योग रोजगार उपलब्ध कराकर कृषि पर हमारी निर्भरता को कम करते हैं।
(v) देश में औद्योगिक विकास बेरोजगारी तथा गरीबी उन्मूलन की एक आवश्यक शर्त है।
(vi) जनजातीय तथा पिछड़े क्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना का उद्देश्य क्षेत्रीय असमानताओं को कम करना था।
(vii) इससे अपेक्षित मुद्रा की प्राप्ति होती है।
(xi) भारत की सम्पन्नता विविध व शीघ्र औद्योगिक विकास में निहित है।
विकास की किन्ही चार विशेषताओं का उल्लेख करो?
तीन आधारभूत मानव विकास सूचकांक की व्याख्या कीजिए ?
तीन आधारभूत मानव विकास सूचकांक निम्नलिखित है।
'यह आवश्यक नही है कि पैसा सभी वस्तुओं और सेवाओं को खरीद सकते हैं' उदाहरण सहित समझाओ ।
उदाहरण: महाराष्ट्र की प्रति व्यक्ति आय केरल की तुलना में अधिक है, लेकिन अभी भी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में पीछे है। केरल में जीवित पैदा हुए 1000 बच्चों, में से 12 की उम्र के एक साल पूरा करने से पहले मर जाते हैं, लेकिन महाराष्ट्र में मरने वाले बच्चों का अनुपात 25 है।
सतत विकास के मुद्दे क्यों महत्वपूर्ण है?
सतत विकास के मुद्दे मानव के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पर्यावरण में बाधा के बिना देश को विकसित कर सकते है। यह विकास, भविष्य की पीढी की जरूरतों को समझौता किए बिना वर्तमान जरूरतों को संतुष्ट करने की प्रक्रिया है। इसके बिना संसाधनों की आगे की प्रगति के लिए उपलब्ध नहीं होगा ।
औसत आय या प्रति व्यक्ति आय क्या है? हम औसत आय का प्रयोग क्यों करते हैं? प्रति व्यक्ति आय की सीमाएं क्या हैं?
औसत आय या प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय आय और एक देश की जनसँख्या के बीच अनुपात के रूप में प्राप्त की गई आय औसत आय है। हम औसत आय का उपयोग करते हैं, क्योंकि वे एक ही श्रेणी की भिन्न मात्रा की तुलना के लिए उपयोगी होते हैं। इसकी मुख्य सीमएँ हैं :
प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि, कीमतों में वृद्धि के कारण है; यह आर्थिक विकास का एक विश्वसनीय सूचकांक नहीं है। राष्ट्रीय आय बढ़ जाता है, लेकिन इसका वितरण समान रुप से नहीं है। अमीर और अमीर, गरीब और गरीब बनाता है।
यह सभी गैर विपणन माल और सेवाओं को शामिल नहीं करते है, भले ही वे मानव खुशी और जीवन की बेहतर गुणवत्ता केलिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
यह केवल आर्थिक एवं पूंजी सघन का उपयोग करने के कारण, शांति, स्वास्थ्य, पर्यावरण, शिक्षा, दीर्घायु आदि पहलुओं को शामिल नहीं किया जाता है ।
कौन मानव विकास रिपोर्ट प्रकाशित करता है? इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए इस्तेमाल किया गया मापदंड क्या है?
सयुंक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) हर साल वार्षिक मानव विकास रिपोर्ट प्रकाशित करता है।
तीन आधारभूत मानव विकास सूचकांक निम्नलिखित है।
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