Vasant Bhag 3 Chapter 8 यह सबसे कठिन समय नहीं
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    NCERT Solution For Class 8 Hindi Vasant Bhag 3

    यह सबसे कठिन समय नहीं Here is the CBSE Hindi Chapter 8 for Class 8 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 8 Hindi यह सबसे कठिन समय नहीं Chapter 8 NCERT Solutions for Class 8 Hindi यह सबसे कठिन समय नहीं Chapter 8 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 8 Hindi.

    Question 1
    CBSEENHN8000718

    “यह कठिन समय नहीं है?” यह बताने के लिए कविता में कौन-कौन से तर्क प्रस्तुत किए गए हैं? स्पष्ट कीजिए।

    Solution
    यह बताने के लिए कि यह कठिन समय नहीं है कविता में निम्न उदाहरण दिए गए हैं-
    1. चिड़िया तिनका चोंच में दबाए उड़ने को तैयार है क्योंकि वह नीड़ का निर्माण करना चाहती है।
    2. पेड़ से गिरती हुई पत्ती को थामने हेतु एक हाथ है जो उसे सहारा दे रहा है।
    3. एक रेलगाड़ी अभी भी गंतव्य अर्थात् पहुंचने वाले स्थान पर जाती है।
    4. अभी भी घर में कोई किसी की प्रतीक्षा कर रहा है।
    5. अभी नानी की कहानी का महत्वपूर्ण अंतिम हिस्सा बाकी है।
    6. अभी एक बस अंतरिक्ष के पार की दुनिया में जाने वालों में से बचे हुए लोगों की खबर लेकर आएगी।
    इन सब तर्को से कवयित्री यही कहना चाहती है कि अभी कठिन समय नहीं है सभी कार्य हो रहे हैं। इसलिए अपने अभीष्ट मार्ग पर बढ़ने हेतु समय का विचार मत करो आगे बढ़ो और सफलता प्राप्त करो।
    Question 2
    CBSEENHN8000719

    चिड़िया चोंच में तिनका दबाकर उड़ने की तैयारी में क्यों है? वह तिनकों का क्या करती होगी? लिखिए।

    Solution
    यह एक स्वाभाविक क्रिया है कि चिड़िया जब तिनके चुनती है तो वह अपने लिए नया नीड़ (घोंसला) बनाने की तैयारी में होती है क्योंकि अब वह उस नीड़ में बैठकर अपने अंडों की रक्षा करके और उनमें से निकलने वाले बच्चों के लिए सुरक्षित स्थान तैयार करना चाहती है। वह तिनके केवल घोंसला निर्मित करने हेतु ही चुनती है।
    Question 3
    CBSEENHN8000720

    कविता में कई बार ‘अभी भी’ का प्रयोग करके बातें रखी गई हैं, अभी भी का प्रयोग करते हुए तीन वाक्य बनाइए और देखिए उनमें लगातार, निरंतर, बिना रुके चलनेवाले किसी कार्य का भाव निकल रहा है या नहीं?

    Solution

    अभी भी तुम परिश्रम कर सकते हो।
    अभी भी तुम मंजिल पा सकते हो।
    अभी भी तुम विजयी हो सकते हो।
    वास्तव में ‘अभी भी’ से बनने वाले वाक्यों में निरंतरता का भाव विद्यमान है विराम या अवकाश नहीं।

    Question 4
    CBSEENHN8000721

    “नहीं” और “अभी भी” को एक साथ प्रयोग करके तीन वाक्य लिखिए और देखिए ‘नहीं’ ‘अभी भी’ के पीछे कौन-कौन से भाव छिपे हो सकते हैं?

    Solution

    1. नहीं, अभी भी मेरी परीक्षा की तैयारी कम है। (अभी और परिश्रम करने का भाव)
    2. नहीं, अभी भी गाड़ी के आने में देर है। (प्रतीक्षा का भाव)
    3. नहीं, अभी भी उद्घाटन हेतु मुख्यातिथि आ सकते हैं। (आशा का भाव)

    Question 5
    CBSEENHN8000722

    घर के बड़े-बूढ़ों द्वारा बच्चों को सुनाई जानेवाली किसी ऐसी कथा की जानकारी प्राप्त कीजिए जिसके आखिरी हिस्से में कठिन परिस्थितियों से जीतने का संदेश हो।

    Solution

    राजा शिवि एक महान शासक थे। उनके सब काम सराहनीय होते थे। वे बहुत दयालु और प्रजावत्सल थे। उन्हें पशु-पक्षियों से भी बहुत प्रेम था। उनके दानी रूप की चर्चा सुनकर भिक्षुक गण दूर-दूर से आ जाते थे। उनके दरवाजे से कोई खाली हाथ नहीं लौटता था। उनके यश की चर्चा दूर-दूर तक होती थी। यहाँ तक कि देवता भी राजा शिवि से ईर्ष्या करने लगे थे।
    एक दिन राजा शिवि दरबार में बैठे थे तभी एक कबूतर उड़ता हुआ आया और उसने राजा की गोद में शरण ली। वह अत्यंत भयभीत था। कबूतर चिल्लाया-”हे राजा! मेरे शत्रु से मेरी रक्षा करो। वह मुझ मारने के लिए दौड़ा चला आ रहा है।”
    राजा ने उत्तर दिया-”हे पक्षी! डरी मत। मेरी शरण में आ गए हो। अब कोई तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता।”
    उसी समय एक बाज कबूतर का पीछा करते-करते वहां आ पहुंचा। बाज बोला-”यह पक्षी मेरा भोजन है। मेरे शिकार को मुझसे छीनने वाले तुम कौन हो? तुम्हें इसे छीनने का कोई अधिकार नहीं है। तुम राजा हो। अपनी प्रजा के कामकाज में हस्तक्षेप कर सकते हो। हम पक्षी तो स्वच्छन्द हैं। हमारी स्वतंत्रता में बाधा मत डालो। इससे पहले कि मैं भूखा मर जाउँ, तुम मुझे इस कबूतर को लौटा दो।”
    राजा शिवि ने उसे समझाते हुए कहा-”यदि तुम भूख से व्याकुल हो तो तुम्हारे लिए भोजन की व्यवस्था कर सकता हूँ। कहो, क्या खाना चाहोगे?”
    बाज को यह प्रस्ताव स्वीकार नहीं था। उसने आवेश में कहा-”कबूतर मरा प्राकृतिक भोजन है। इसके अतिरिक्त मुझे कुछ पसंद नहीं है।”
    राजा के परामर्श और यहां तक कि अनुनय-विनय का भी बाज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। कुटिलता से वह बाला-”यदि इस कबूतर से तुम्हें इतना ही स्नेह है तो तुम इसके मांस के वजन के बराबर मांस अपने शरीर से काट कर मुझ दे दो।”

    राजा शिवि ने कबूतर को सुरक्षित रखने के लिए इस उपाय को सहर्ष स्वीकार कर लिया। तुरंत एक तराजू और तेज धार का चाकू मँगवाया गया। तराजू के एक पलड़े में कबूतर को रखा गया और दूसरे पलड़े में राजा ने अपना मांस काट-काटकर रखना प्रारंभ किया। रानी, मंत्री और सभासद व्यग्र हो उठे। राजा ने सभी को सांत्वना दी और शांत रहने के लिए कहा। तभी एक आश्चर्यजनक घटना घटी। राजा अपनी भुजाओं और टांगों से मांस काट-काटकर एक पलड़े में रखते जा रहे थे लेकिन कबूतर का पलड़ा अभी भी भारी था। राजा शिवि आर्श्क्यचकित थे। अंत में वे स्वयं ही पलड़े मैं बैठ गए। यह क्या! राजा ने पलटकर बाज को संबोधित करना चाहा। लेकिन वहाँ न तो बाज था और न कबूतर। उन दोनों कं स्थान पर इंद्रदेव और अग्निदेव उपस्थित थे। उन्होंने राजा के घावग्रस्त शरीर को पुन: पूर्ण और स्वस्थ कर दिया। दोनों देवताओं ने राजा की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे धरती पर उनकी दानवीरता की परीक्षा लेने ही आए थे। अग्निदेव ने कबूतर का और इंद्रदेव न बाज का रूप धारण किया था। उन्होंने प्रसन्न होकर राजा शिवि को आशीर्वाद दिया-”जब तक यह संसार रहेगा, तुम्हारी दानवीरता और तुम्हारा नाम अमर रहेगा। तुम वास्तव में दानी हो।”

    राजा ने दोनों देवों को प्रणाम किया। दोनों देवता राजा को आशीर्वाद देते हुए स्वर्ग लौट गए।

     
    Question 6
    CBSEENHN8000723

    आप जब भी घर से स्कूल जाते हैं कोई आपकी प्रतीक्षा कर रहा होता है। सूरज डूबने का समय भी आपको खेल के मैदान से घर लौट चलने की सूचना देता है कि घर में कोई आपकी प्रतीक्षा कर रहा है - प्रतीक्षा करनेवाले व्यक्ति के विषय में आप क्या सोचते हैं? अपने विचार लिखिए।

    Solution
    प्रतीक्षा करने वाला सदा स्वजन ही होता है। जब हम विद्यालय से घर जाते हैं या शाम को खेल के मैदान में डूबता सूरज यह संदेश देता है कि घर जाना चाहिए, तो मन में केवल एक ही भाव उठता है कि माँ प्रतीक्षा कर रही होंगी। माँ सदा चाहती है कि स्कूल से बच्चे समय पर घर आएँ, मैदान में खेलते हुए दिन ढलने लगे तो वे घर आ जाएं। वास्तव में वह अपनी नजरों से बच्चों को दूर नहीं करना चाहती। सदा अपना स्नेह और प्रेम उन पर बनाए रखना चाहती है। यदि किसी दिन मां घर पर न हो तो हमारा मन ही नहीं लगता। सिर्फ माँ की याद ही सताती रहती है। हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि हमारी प्रतीक्षा सदा वही करता है, जो हमें सबसे अधिक प्रेम करता है।
    Question 7
    CBSEENHN8000724

    अंतरिक्ष के पार की दुनिया से क्या सचमुच कोई बस आती है जिससे खतरों के बाद भी बचे हुए लोगों की खबर मिलती है? आपकी राय में यह झूठ है या सच? यदि झूठ है तो कविता में ऐसा क्यों लिखा गया? अनुमान लगाइए यदि सच लगता है तो किसी अंतरिक्ष संबंधी विज्ञान कथा के आधार पर कल्पना कीजिए वह बस कैसी होगी, वे बचे हुए लोग खतरों से क्यों घिर गए होंगे? इस संदर्भ को लेकर कोई कथा बना सकें तो बनाइए।

    Solution

    वैज्ञानिक रूप से बस ऐसा साधन नहीं है जो अंतरिक्ष के पार जा सकें। यह मात्र कवयित्री की कल्पना है क्योंकि कवि सदा कल्पना लोक में विचरण करते हैं। इसे सच या झूठ का नाम न देकर काल्पनिक अनुभव कहा जाना चाहिए। कविता में झूठ नहीं एक कल्पना की गई है। लेकिन कल्पना को शब्दों का आवरण इस प्रकार से पहनाया गया है कि यह सच प्रतीत होने लगता है। आशावादिता के अनुसार एक काल्पनिक तथ्य सामने आता है कि हमारे विकास और उत्थान के लिए अंतरिक्ष से संदेश लेकर कोई वाहन धरती पर आता है।
    यहाँ तो कवयित्री ने अंतरिक्ष संबंधी विज्ञान कथा का आधार यह माना है कि बस कैसी होगी? वे बचे हुए लोग खतरों से क्यों घिर गए होंगे। इस संदर्भ पर कथा लिखने हेतु निम्न संकेत बिंदुओं का सहारा लिया जा सकता है-
    1. बस का सुंदर रूप 15 से 20 लोगों के बैठने का स्थान।
    2. बस में ऑक्सीजन व खाने-पीने के सामान का पूरा प्रबंध।
    3. बस पहिए से नहीं ऊर्जा से चलने वाली।
    4. अपनै लक्ष्य मै, पूर्णतया सफल।
    5. अचानक मौसम का खराब होना।
    6. लोगों का बेहोश होना।
    7. मुश्किल से राह मिलना।
    8. बच लोगों का वापिस आना।
    9. लोगों का विभिन्न जानकारियां एकत्रित करना।
    10. उनकी खुशी का ठिकाना न होना।
    11. ऑक्सीजन की कमी हो जाना।
    12. डॉक्टर का भरसक प्रयत्न।
    13. कुछ लोगों की मृत्यु।
    14. परिवारजनों की आँखें खुशी से नम हो जाना।

     
    Question 8
    CBSEENHN8000725

    ‘यह सबसे कठिन समय नहीं’-इस पंक्ति का क्या संदेश है? 

    Solution
    यह सबसे कठिन समय नहीं’-इस पंक्ति के माध्यम से कवयित्री मनुष्य को यह संदेश देना चाहती है कि लक्ष्य की ओर बढ़ने हेतु कोई समय मुश्किल नहीं होता केवल मन में चाह रखकर आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए।
    Question 9
    CBSEENHN8000726

    चिड़िया नीड़ क्यों बनाना चाहती है।

    Solution
    चिड़िया नीड् अपने अंडों व उनमें से निकलने वाले बच्चों की सुरक्षा हेतु बनाना चाहती है।
    Question 10
    CBSEENHN8000727

    ‘बचे हुए लोगों की खबर’ बस क्यों लाएगी?

    Solution
    कवयित्री का मानना है कि बहुत से लोग अंतरिक्ष के पार बस से सवार होकर गए लेकिन रास्ते में आई कठिनाइयों के कारण कुछ बच न सके। अब जो शेष रह गए हैं वे ही उस बस द्वारा प्राप्त जानकारियां लेकर लौटेंगे।
    Question 11
    CBSEENHN8000728

    इस कविता में सत्यता व कल्पना के भाग को अलग कीजिए।

    Solution
    चिड़िया का तिनका लेकर उड़ना. गाड़ियों का यात्रियों को मंजिल तक पहुँचाना, घर पर किसी का इंतजार करना, बूढ़ी नानी का कहानी सुनाना तो सत्यता दर्शाने वाला भाग है। लेकिन अंतरिक्ष पर बस द्वारा लोगों का जाना कवयित्री की मात्र कल्पना है।
    Question 12
    CBSEENHN8000729

    यह कविता हमें क्या संदेश देती है

    Solution
    ’यह सबसे कठिन समय नहीं’ कविता हमें जीवन में आगे बढ़ने का संदेश देती है। कवयित्री जया जादवानी का मानना है कि हमें अपना लक्ष्य साधना चाहिए व आगे बढ़ना चाहिए। समय तो सदा अच्छा ही होता है। आगे बढ़ने के लिए विशेष समय का इंतजार करना सही नहीं।

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    Question 20
    CBSEENHN8000737
    Question 30
    CBSEENHN8000747

    निम्नलिखित पद्याशं को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    अभी कहा जाता है
    उस कथा का आखिरी हिस्सा
    जो बूढ़ी नानी सुना रही सदियो से
    दुनिया के तमाम बच्चों को
    अभी आती है एक बस
    अंतरिक्ष के पार की दुनिया से
    लाएगी बचे हुए लोगों की खबर!
    अतंरिक्ष से पार आने वाली बस के बारे में कवयित्री क्या कहना चाहती है?
    • वह बस उन बचे हुए लोगों का समाचार लाएगी जिन्होंने हिम्मत न हारकर मृत्यु से जूझते अपने लक्ष्य में सफलता प्राप्त की।
    • वह बस उन बचे हुए लोगों का समाचार लाएगी जिन्होंने अपने लक्ष्य में जूझते हुए प्राण त्याग दिए।
    • वह थोड़े से लोगों को ही ला पाएगी।
    • उसमें वे लोग आ रहे हैं जो हिम्मत वाले थे।

    Solution

    A.

    वह बस उन बचे हुए लोगों का समाचार लाएगी जिन्होंने हिम्मत न हारकर मृत्यु से जूझते अपने लक्ष्य में सफलता प्राप्त की।

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