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बालिका मैना ने सेनापति 'हे' को कौन-कौन से तर्क देकर महल की रक्षा के लिए प्रेरित किया?
बालिका मैना ने अपने पिता के महल की रक्षा के लिए निम्नलिखित तर्क दिए -
1. मैना ने अंग्रेज़ों के विरुद्ध शस्त्र उठाने वालों को दोषी बताया और कहा कि इसमें मकान का क्या दोष हैं?
2. मैना ने तर्क दिया कि महल को गिराने से सेनापति की किसी उद्देशय की पूर्ति न हो सकेगी। यह स्थान मैना को बहुत प्रिय है।
3. अंत में मैना ने सेनापति 'हे' को अपना परिचय देकर कहा कि उन्हें उनकी पुत्री मेरी की सहेली की रक्षा करनी ही चाहिए।
मैना जड़ पदार्थ मकान को बचाना चाहती थी पर अंग्रेज़ उसे नष्ट करना चाहते थे। क्यों?
मैना अपने मकान को बचाना चाहती थी क्योंकि वह उसी मकान में पली-बढ़ी थी। वह मकान उसकी पैतृक धरोहर थी। उसी में मैना की बचपन की, पिता की, परिवार की यादें समाई हुई थीं। वह उसके जीवन का भी सहारा हो सकता था। इसलिए वह उसे बचाना चाहती थी। नाना साहब ने अंग्रेज सरकार को बहुत हानि पहुँचाई थी। अंग्रेज़ों के लिए वह राजमहल उनके दुश्मन नाना साहब की निशानी था। वे उनकी हर निशानी को मिट्टी में मिला देना चाहते थे, ताकि देश में फिर से कोई अंग्रेज़ों के विरुद्ध आवाज़ न उठाए।
सर टामस 'हे' के मैना पर दया-भाव के क्या कारण थे?
सर टामस 'हे' की मृत पुत्री मेरी मैना की प्रिय सखी थी। दूसरा कारण यह रहा होगा कि हे मैना के घर आते रहे थे और तब वे मैना को अपनी पुत्री के समान ही प्यार करते थे। मैना के रूप में उन्हें अपनी पुत्री मेरी की छवि दिखाई दी होगी और उनके मन में ममता जाग गई होगी तथा मैना का करुणामयी मुख और उसकी अल्पायु देखकर सेनापति 'हे' को उस पर दया आ गई होगी।
मैना की अंतिम इच्छा थी कि वह उस प्रासाद के ढेर पर बैठकर जी भरकर रो ले लेकिन पाषाण-हृदय वाले जनरल ने किस भय से उसकी इच्छा पूर्ण न होने दी?
मैना महल के ढेर पर बैठकर जी भर कर रो लेना चाहती थी पर पाषाण-हृदय जनरल अउटरम ने उसकी यह इच्छा पूरी न होने दी। जनरल अउटरम के मन में भय रहा होगा कि अगर उसने नाना साहब की बेटी के प्रति ज़रा भी सहानुभूति दिखाई तो ब्रिटिश सरकार का गुस्सा उस पर फूट पड़ेगा। उसे इसके लिए दंड भी मिल सकता है। क्रोध से पागल सामान्य, अंग्रेज़ नागरिक भी उस पर नाराज़गी प्रकट करेंगे। इस कारण उसने मैना की यह छोटी-सी इच्छा भी पूरी न होने दी।
बालिका मैना के चरित्र की कौन-कौन सी विशेषताएँ आप अपनाना चाहेंगें और क्यों?
बालिका मैना के चरित्र की निम्नलिखित विशेषताएँ हम अपनाना चाहेंगें:-
1. पैतृक धरोहर और देशप्रेम की भावना।
2. निर्भय तथा आत्मबलिदान की भावना।
3. वह एक साहसी तथा वाक् चतुर बालिका थी।
4. भावुकता और तर्कशीलता।
बालिका मैना के चरित्र से हम देश-प्रेम की भावना, साहसीपन, स्पष्ट वक्ता, भावुकता और तर्कशीलता की विशेषताएँ अपनाना चाहेंगें। क्योंकि यह कुछ ऐसे गुण है जिससे मनुष्य का चारित्रिक विकास होता है जिससे वह अपने साथ-साथ देश के विकास में सहभागी होगा।
'टाइम्स' पत्र ने 6 सितम्बर को लिखा था - 'बड़े दुख का विषय है कि भारत सरकार आज तक उस दुर्दांत नाना साहब को नहीं पकड़ सकी'। इस वाक्य में 'भारत सरकार' से क्या आशय है?
यहाँ भारत सरकार से आशय है - ब्रिटिश शासन के अंतर्गत चलने वाली भारत सरकार जिसे अंग्रेज़ अधिकारी चलाते थे।
स्वाधीनता आंदोलन को आगे बढ़ाने में इस प्रकार के लेखन की क्या भूमिका रही होगी?
स्वाधीनता आंदोलन को बढ़ाने में लेखों की महत्तवपूर्ण भूमिका रही होगी। जब वे मैना जैसी निडर बालिका के निर्मम वध की बात सुनते होंगे तो उनका हृदय करूणा से भर उठता होगा तथा जब अंग्रेज़ों के अत्याचारों को पढ़ते होंगे तो उनके विरुद्ध हो जाते होंगे। तब उनका मन त्याग, बलिदान और संघर्ष के लिए तैयार हो जाता होगा। यही भाव स्वाधीनता आंदोलन को बढ़ाने में मददगार सिद्ध हुआ होगा।
कल्पना कीजिए कि मैना के बलिदान की यह खबर आपको रेडियो पर प्रस्तुत करनी है। इन सूचनाओं के आधार पर आप एक रेडियो समाचार तैयारी करें और कक्षा में भावपूर्ण शैली में पढ़े।
छात्र स्वयं अपने अनुभव के आधार पर करे जैसे:-
यह आकाशवाणी का कानपूर चैनल है और इस वक्त आप (अपना नाम) के साथ हैं। आजकी महत्वपूर्ण खबर मैना के बलिदान से जुडी है। अत्यंत दुःख के साथ हमे आपको यह सूचित करना पड़ रहा कल सांयकाल के समय मैनादेवी का दुखद अवसान हो गया है। समाचार यह है कि अंग्रेज जनरल अउटरम द्वारा बड़ी ही अमानवीयता के साथ मैनादेवी को जलती हुई आग में भस्म कर दिया गया। सारा शहर इस क्षोभ से अत्यंत क्रुद्ध तथा दुखी है। मैना एक अदम्य साहसी बालिका थी। उनका यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा आने वाले समय में देशवासियों को प्रेरणा प्रदान करता रहेगा। धन्यवाद।
इस पाठ में रिपोर्ताज के प्रारंभिक रूप की झलक मिलती है लेखिन आज अख़बारों में अधिकांश खबरें रिपोर्ताज की शैली में लिखी जाती हैं। आप-
अपने आसपास की किसी घटना का वर्णन रिपोर्ताज शैली में कीजिए।
छात्र स्वयं अपने अनुभव के आधार पर इससे कर सकते है:- जैसे:-
मुंबई एक्सप्रेस हाइवे पर मंगलवार को एक सड़क दुर्घटना में एक युवक की मौत हो गई। जबकि दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया है। अमर, प्रेम और राज तीनों मंगलवार की रात गाड़ी से घर जा रहे थे तब पीछे से ट्रक ने गाड़ी में टक्कर मार दी जिससे वह पलट गया। हादसे में तीनों गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना स्थल पर मौजूद लोगों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने अमर को मृत घोषित कर दिया, जबकि प्रेम और राज की हालत गंभीर बनी हुई है।
आप किसी ऐसे बालक / बालिका के बारे में एक अनुच्छेद लिखिए जिसने कोई बहादुरी का काम किया हो?
हमारा देश पहले से वीरांगनाओं का देश रहा है। आज भी इनकी कमी नहीं है। ऐसी ही एक बहादुर लड़की ने अपनी जान पर खेल कर अपने मात्र चार वर्ष के भाई की जान बचाई। दिल्ली की नव वर्ष की बालिका महिका अपने परिवार के साथ केदारनाथ मंदिर में प्रार्थना कर रही थी। अचानक प्राकृतिक विपदा आन पड़ी वह अपने परिवार से बिछड़ गई। चारो तरफ सिर्फ पानी नजर आ रहा था वैसे में उसे अपने छोटे भाई के रोने की आवाज आई तैरना न आने के बावजूद वह बिना कुछ सोचे पानी में कूद गई। अपने भाई को ढूँढ के सुरक्षित स्थान पर ले गई। तीन दिन तक वह भूखे प्यासे अपने भाई को पकड़े बैठी रहीं। उसे राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार देकर सम्मनित किया गया।
भाषा और वर्तनी का स्वरूप बदलता रहता है। इस पाठ में हिंदी गद्य का प्रारंभिक रूप व्यक्त हुआ है जो लगभग 75-80 वर्ष पहले था। इस पाठ के किसी पसंदीदा अनुच्छेद को वर्तमान मानक हिंदी रूप में लिखिए।
कानपूर में घटित हत्याकांड के बाद अंग्रेजी सैनिक दल बिठूर की ओर गया। बिठूर में स्थित नाना साहब का राजमहल अंग्रेजों द्वारा लूट लिया गया। लेकिन अंग्रेज अधिक नुकसान नहीं कर पाए।
इसके बाद अंग्रेजों ने तोप द्वारा नाना साहब के महल को उड़ा देना चाहा,तभी महल के बरामदे में एक सुंदर बालिका आकर खड़ी हो गई। यह देखकर अंग्रेजी सेना को हैरानी हुई क्योंकि महल को लूटते समय यह बालिका वहाँ दिखाई नहीं दी।
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