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NCERT Solutions for Class 9 Hindi स्पर्श भाग १ Chapter 4 तुम कब आओगे अतिथि - शरद जोशी
  • NCERT Solution For Class 9 Hindi स्पर्श भाग १

    तुम कब आओगे अतिथि - शरद जोशी Here is the CBSE Hindi Chapter 4 for Class 9 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 9 Hindi तुम कब आओगे अतिथि - शरद जोशी Chapter 4 NCERT Solutions for Class 9 Hindi तुम कब आओगे अतिथि - शरद जोशी Chapter 4 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2023-24. You can save these solutions to your computer or use the Class 9 Hindi.

    Question 1
    CBSEENHN9000500

    निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर पूछे गये प्रशनों के उत्तर दीजिए:
    तुम जहाँ बैठे निस्संकोच सिगरेट का धुआँ फेंक रहे हो, उसके ठीक सामने एक कैलेंडर है। देख रहे हो ना! इसकी तारीखें अपनी सीमा में नम्रता से फड़फड़ाती रहती हैं। विगत दो दिनों से मैं तुम्हें दिखाकर तारीखें बदल रहा हूँ। तुम जानते हो, अगर तुम्हें हिसाब लगाना आता है कि यह चौथा दिन है, तुम्हारे सतत आतिथ्य का चौथा भारी दिन! पर तुम्हारे जाने की कोई संभावना प्रतीत नहीं होती। लाखों मील लंबी यात्रा करने के बाद वे दोनों एस्ट्रॉनाट्‌स भी इतने समय चाँद पर नहीं रुके थे, जितने समय तुम एक छोटी-सी यात्रा कर मेरे घर आए हो। तुम अपने भारी चरण-कमलों की छाप मेरी जमीन पर अंकित कर चुके, तुमने एक अंतरंग निजी संबंध मुझसे स्थापित कर लिया, तुमने मेरी आर्थिक सीमाओं की बैंजनी चट्‌टान देख ली; तुम मेरी काफ़ी मिट्‌टी खोद चुके। अब तुम लौट जाओ, अतिथि! तुम्हारे जाने के लिए यह उच्च समय अर्थात हाईटाइम है। क्या तुम्हें तुम्हारी पृथ्वी नहीं पुकारती? 
    प्रशन:
    (क) पाठ तथा लेखक का नाम लिखो?
    (ख) कैलेंडर शब्द द्वारा लेखक क्या कहना चाहते हैं?
    (ग) अतंरिक्ष यात्रियों के विषय में क्या कहा गया है?
    (घ) ‘अब तुम लौट जाओ’ इस कवन की व्यंग्यात्मकता स्पष्ट कीजिए?


    Solution

    (क) पाठ-तुम कब जाओगे, अतिथि, लेखक-शरद जोशी।
    (ख) कैलेंडर शब्द द्वारा लेखक अतिथि को यह अहसास दिलाना चाहता है कि मेहमानबाजी करवाते हुए अधिक दिन हो गए है। अब उसे चले जाना चाहिए।
    (ग) अंतरिक्ष यात्री भी चांद पर अधिक -दिनों की यात्रा करने के उपरान्त भी वहाँ पर नहीं रूके थे।
    (घ) अनेक उपाय करने के पश्चात् भी अतिथि के न लौटने पर अपनी विवशता व्यक्त करना ही उस शब्दावली की व्यंग्यात्मकता है।

    Question 2
    CBSEENHN9000501

    निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर पूछे गये प्रशनों के उत्तर दीजिए:
    उस दिन जब तुम आए थे, मेरा हृदय किसी अज्ञात आशंका से धड़क उठा था। अंदर-ही-अंदर कहीं मेरा बटुआ काँप गया। उसके बावजूद एक स्नेह-भीगी मुस्कुराहट के साथ मैं तुमसे गले मिला था और मेरी पत्नी ने तुम्हे सादर नमस्ते की थी। तुम्हारे सम्मान में ओ अतिथि, हमने रात के भोजन को एकाएक उच्च-मध्यम वर्ग के डिनर में बदल दिया था। तुम्हें स्मरण होगा कि दो सब्जियों और रायते के अलावा हमने मीठा भी बनाया था। इस सारे उत्साह और लगन के मूल में एक आशा थी। आशा थी कि दूसरे दिन किसी रेल से एक शानदार मेहमाननवाजी की छाप अपने हृदय में ले तुम चले जाओगे।

    प्रशन:
    (क) पाठ तथा लेखक का नाम लिखो।
    (ख) मेहमान के आते ही लेखक पर क्या प्रतिक्रिया हुई?
    (ग) लेखक तथा उसकी पत्नी ने मेहमान का किस प्रकार स्वागत किया?
    (घ) रात्रिभोज को किस प्रकार गरिमापूर्ण बनाया गया?

    Easy
    Question 4
    CBSEENHN9000503

    निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर पूछे गये प्रशनों के उत्तर दीजिए:
    तुम्हें यहाँ अच्छा लग रहा है न! मैं जानता हूँ। दूसरों के यहाँ अच्छा लगता है। अगर बस चलता तो सभी लोग दूसरों के यहाँ रहते, पर ऐसा नहीं हो सकता। अपने घर की महत्ता के गीत इसी कारण गाए गए हैं। होम को इसी कारण स्वीट-होम कहा गया है कि लोग दूसरे के होम की स्वीटनेस को काटने न दौड़े। तुम्हें यहाँ अच्छा लग रहा है, पर सोचो प्रिय, कि शराफ़त भी कोई चीज होती है और गेट आउट भी एक वाक्य है, जो बोला जा सकता है।

    प्रशन:
    (क) पाठ तथा लेखक का नाम लिखो।
    (ख) लेखक की मानसिक स्थिति पर प्रकाश डालिए
    (ग) अपने घर को स्वीट होम क्यों कहा जाता है।
    (घ) लेखक किसे ‘गेट आउट’ कहने की धमकी दे रहा है

    Easy
    Question 5
    CBSEENHN9000504

    निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर पूछे गये प्रशनों के उत्तर दीजिए:
    अपने खर्राटों से एक और रात गुंजायमान करने के बाद कल जो किरण तुम्हारे बिस्तर पर आएगी वह तुम्हारे यहाँ आगमन के बाद पाँचवें सूर्य की परिचित किरण होगी। आशा है, वह तुम्हें चूमेगी और तुम घर लौटने का सम्मानपूर्ण निर्णय ले लोगे। मेरी सहनशीलता की वह अंतिम सुबह होगी। उसके बाद मैं स्टैंड नहीं कर सकूँगा और लड़खड़ा जाऊँगा। मेरे अतिथि, मैं जानता हूँ कि अतिथि देवता होता है, पर आखिर मैं भी मनुष्य हूँ। मैं कोई तुम्हारी तरह देवता नहीं। एक देवता और एक मनुष्य अधिक देर साथ नहीं रहते। देवता दर्शन देकर लौट जाता है। तुम लौट जाओ अतिथि! इसी में तुम्हारा देवत्व सुरक्षित रहेगा। यह मनुष्य अपनी वाली पर उतरे, उसके पूर्व तुम लौट जाओ!

    प्रशन:
    (क) पाठ तथा लेखक का नाम लिखो।
    (ख) लेखक ने खर्राटों का प्रसगं क्यों उठाया है?
    (ग) लेखक अतिथि से क्या उपेक्षा करता है?
    (घ) ‘एक देवता और एक मनुष्य अधिक देर तक साथ नहीं रहते’ का आशय स्पष्ट कीजिए।

    Easy