कानूनों की समझ

  • Question 1
    CBSEHHISSH8008341

    'कानून का शासन' पद से आप क्या समझते है?अपने शब्दों में लिखिएl अपना जवाब देते हुए कानून के उलंघन का कोई वास्तविक या काल्पनिक उदाहरण दीजिएl

    Solution

    'कानून के शासन' का मतलब है कि सभी कानून देश के सभी नागरिको पर सामान रूप से लोगू होते हैl कानून से ऊपर कोई व्यक्ति नहीं है चाहे वह सरकारी अधिकारी हो या धन्नासेठ हो और यहाँ तक कि राष्ट्रीपति ही क्यों न होl किसे भी अपराध या कानून के उल्लंघन की एक निश्चित सज़ा होती हैl सज़ा तक पहुँचने की भी एक तय प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति का अपराध साबित किया जाता हैl कानून के उलंघन का उदाहरण-
    (I)एक दिन हमारे पड़ोसी बिना हलमेंट के दो पहिये का वाहन सड़क पर चला रहे थे जो कानून का उल्लंघन हैl
    (2)यदि किसी अधिकारी को कोई रिश्वत देता है तो यह एक अपराध है यह कानून का पूर्ण उल्लंघन हैl

     

    Question 2
    CBSEHHISSH8008342

    इतिहासकार इस दावे को गलत ठहराते है कि भारत में कानून का शासन अंग्रेजो ने शुरू किया था इसके कारणों में से दो कारण बताइएl

    Solution

    इतिहासकार इस दावे को गलत ठहराते है कि भारत में कानून का शासन अंग्रेजो ने शुरू किया था, क्योंकि-
    (1)औपनिवेशिक कानून मनमानेपन पर आधारित था।1870 में राजद्रोह एक्ट पारित किया। इस एक्ट के तहत अगर कोई भी व्यक्ति ब्रिटिश सरकार का विरोध या आलोचना करता था तो उसे मुकदमा चलाए बिना ही गिरफ्तार किया जा सकता थाl
    (2)ब्रिटिश भारत में कानूनी मामलों के विकास में भारतीय राष्ट्रवादियों ने एक अहम भूमिका निभाई थीl

    Question 3
    CBSEHHISSH8008343

    घरेलु हिंसा पर नया कानून किस तरह बना, महिला सगंठनों ने इस प्रक्रिया में अलग-अलग तरीके से क्या भूमिका निभाई, उसे अपने शब्दों में लिखिएl

    Solution

    एक महिला संगठन के दफ्तर में कुछ औरतों ने शिकायत की कि उन्हें उनके पति द्वारा मारा-पीटा जाता हैl जब घरेलू हिंसा के पीड़ितों द्वारा शिकायतें बढ़ी तब एक नए कानून की आवश्यकता महसूस हुई कि गईl विभिन्न मंचों ने घरेलू हिंसा का मुद्दा उठाया।1999 में वकीलों, कानून, विद्यार्थियों और समाज वैज्ञानिकों के संगठन 'लॉयर्स कलेक्टिव' ने राष्ट्रव्यापी चर्चा के बाद घरेलू हिंसा विधेयक का मसौदा तैयार कियाl इस विधयक को बहुत सारे लोगो को पढ़ाया गयाl 2002 में संसद में विधेयक पेश किया गयाl विधेयक का विरोध महिलाओं के समूह द्वारा किया गया था।एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित किया गया जिसमें ऑन-लाइन याचिका
    शुरू करने का निर्णय लिया गया था। कई महिला संगठनों और राष्ट्रीय महिला आयोग ने संसदीय स्थायी समिति को अपने सुझाव सौंपेl दिसंबर 2002 में संसदीय स्थायी समिति ने अपनी सिफ़ारिशो को राज्यसभा में प्रस्तुत किया और इन्हें लोकसभा में भी पेश किया गया। समिति की रिपोर्ट ने महिलाओं के समूह की अधिकांश मांगों को स्वीकार कर लिया और अंत में संसद में एक नया बिल पेश किया गयाlदोनों सदनों से मंजूरी जाने के बाद उसे राष्ट्रीयपति के पास स्वीकृति के लिए भेजा गयाl 2006 में घरेलू हिंसा महिला सुरक्षा कानून लागू हुआl

    Question 4
    CBSEHHISSH8008344

    अपने शब्दों में लिखिए कि इस अध्याय में आए निम्नलिखित वाक्य(पृष्ठ 44 -45) से आप क्या समझते है: अपनी बातों को मनवाने के लिए उन्होंने संघर्ष सुरु कर दिया l यह समानता का संघर्ष था l उनके लिए कानून का मतलब ऐसे नियम नहीं थे जिसका पालन करना उनकी मजबूरी हो वे कानून को उससे अलग ऐसी व्यवस्था के रूप देखना चाहते थे जो न्याय के विचार पर आधारित हों l

    Solution

    अंग्रेजो ने भारत पर काफी लम्बे समय तक राज किया उनका शासन पूरी तरह से मनमानेपन पर आधारित था l भारतीय राष्ट्रीय इससे तंग आ चुकी थी l अंग्रेजी सरकार कभी भी अपने अनुसार कानून को बदल देते थे l उनका कहना था कि वे ऐसा भारत में व्यवथा लाने के लिए करते है जबकि सच्चाई यह थी कि वे भारतीय जनता को परेशान और प्रताड़ित करने के लिए ऐसा करते थे l 1870 का राजद्रोह एक्ट अंग्रेजी शासन के मनमानेपन की मिसाल थी इसके मुताबिक कोई भी यदि ब्रिटिश सरकार का विरोध या आलोचना करता था तो उसे बिना मुकदमा चलाये गिरफ्तार कर लिया जा सकता था l
    महात्मन गांधी सहित सभी भारतीय रॉयल एक्ट के सख्त खिलाफ थे l भारतीय राष्ट्रीयवादियों ने अंग्रेजो के इस मनमानेपन का विरोध किया अपनी बात मनवाने के लिए संघर्ष किया l उन्होंने समानता के लिए आवाज उठाई l वे उन कानूनों का पालन नहीं करना चाहते थे जिनमें उन्हें दबाया जाये या जिन्हे उन्हें केवल मजबूरी में स्वीकारना पड़े बल्कि वे सभी भारतीयों के लिए ऐसा कानून चाहते थे जहां सभी के लिए सामान रूप से न्याय हों l इसके लिए राष्ट्रीयवादी अंग्रेजो द्वारा बनाए गए कानूनों को तोड़ने लगे , नियमो का उलघंन करने लगे l

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