भदंत आनंद कौसल्यायन - संस्कृति
सभ्यता और संस्कृति एक दूसरे से अति सूक्ष्म रूप से जुड़े हैं, एक के अभाव में दूसरे को स्पष्ट करना कठिन हैं, जहाँ हम ये कह सकते हैं कि संस्कृति एक विचार है, तो वहीँ सभ्यता जीवन जीने की कला है।
संस्कृति जीवन का चिंतन और कलात्मक सृजन है, जो जीवन को समृद्ध बनाती है, तथा मनुष्य के रहन-सहन का तरीका सभ्यता के अंतर्गत आता है।
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किन महत्वपूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सुई-धागे का आविष्कार हुआ होगा?
मानव संस्कृत एक अविभाज्य वस्तु है। किन्हीं दो प्रसंगों का उल्लेख कीजिए जब –
मानव संस्कृति को विभाजित करने की चेष्टाएँ की गई?
मानव संस्कृत एक अविभाज्य वस्तु है। किन्हीं दो प्रसंगों का उल्लेख कीजिए जब –
जब मानव संस्कृति ने अपने एक होने का प्रमाण दिया?
गलत-सलत आत्म-विनाश
महामानव पददलित
हिन्दू-मुसलिम यथोचित
सप्तर्षि सुलोचना
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