सर्वेश्वर दयाल सक्सेना - मानवीय करुणा की दिव्या चमक
देवदार एक विशाल और छायादार वृक्ष होता है, जो अपनी सघन और शीतल छाया से श्रांत-पथिक एवं अपने आस-पड़ोस को शीतलता प्रदान करता है। ठीक ऐसे ही व्यक्तित्व वाले थे- फ़ादर कामिल बुल्क़े।
लेखक के बच्चे के मुँह में अन्न का पहला दाना फादर बुल्के ने डाला था। उस क्षण उनकी नीली आँखों में जो ममता और प्यार तैर रहा था, उससे लेखक को फादर बुल्के की उपस्थिति देवदार की छाया जैसी लगती थी।
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आपके विचार से बुल्के ने भारत आने का मन क्यों बनाया होगा?
‘मेरा देश भारत’ विषय पर 200 शब्दों का निबंध लिखिए?
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