निष्पक्ष और न्यायपूर्ण वितरण को युक्तिसंगत आधार पर सही ठहराया जा सकता है। रॉल्स ने इस तर्क को आगे बढ़ाने में 'अज्ञानता के आवरण ' के विचार का उपयोग किस प्रकार किया।
Answer
Long Answer
रॉल्स ने निष्पक्ष और न्यायपूर्ण वितरण को युक्तिसंगत आधार पर सही ठहराते हुए 'अज्ञानता के आवरण' का उपयोग किया है:
- जॉन रॉल्स तर्क देते हैं कि निष्पक्ष और न्यायसंगत नियम तक पहुँचने का एकमात्र रास्ता यही है कि हम खुद को ऐसी परिस्थिति में होने की कल्पना करें जहाँ हमें यह निर्णय लेना है कि समाज को कैसे संगठित किया जाए।
- रॉल्स के अनुसार, हमें यह नहीं मालूम होगा, कि हम कौन होंगे और भविष्य के समाज में हमारे लिए कौन से विकल्प खुले होंगे, तब हम भविष्य के उस समाज के नियमों और संगठन के बारे में जिस निर्णय का समर्थन करेंगे, वह तमाम सदस्यों के लिए अच्छा होगा।
- चूँकि कोई नहीं जानता कि वह कौन होगा और उसके लिए क्या लाभप्रद होगा, इसलिए हर कोई सबसे बुरी स्थिति के मद्देनजर समाज की कल्पना करेगा।
- वह समाज के विषय में सोचते हुए इस बात का अवश्य ध्यान रखेगा, कि यदि किसी व्यक्ति का जन्म सुविधा सम्पन्न परिवार में होता है, तो उसे विकास के उचित अवसर प्राप्त होंगे, परन्तु यदि व्यक्ति का जन्म पिछड़े एवं समाज के अत्यधिक निचले वर्ग में होता हैं, तब क्या होगा ?
- रॉल्स कहते हैं , कि जब व्यक्ति खुद को इस स्थिति में रखकर सोचेगा, तब वह अवश्य ही ऐसे समाज की कल्पना करेगा जो समाज के कमज़ोर वर्गों के हितो की रक्षा कर सके। इस प्रयास से यह दिखेगा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास जैसे महत्त्वपूर्ण संसाधन सभी लोगों को प्राप्त हों चाहे वे उच्च वर्ग के हो या न हों।
- अत: 'अज्ञानता के आवरण' के कारण प्रत्येक व्यक्ति के लिए अपने आपको को सबसे बुरी स्थिति में रखकर सोचना ही उसके लिए हितकर होगा।