जनसुविधाएँ

Question

क्या आपको लगता है कि हमारे देश में जनसुविधाओं का वितरण पर्याप्त और निष्पक्ष हैं? अपनी बात के समर्थन में एक उदाहरण दीजिए।

Answer

नहीं, हमारे देश में जनसुविधाओं का वितरण पर्याप्त और निष्पक्ष नहीं है।
उदाहरण के लिए दिल्ली में विभिन्न जन सुविधाओं जैसे जल,बिजली, परिवहन सेवा, स्कूल-कॉलेज आदि सुलभ रूप से मौजूद है जबकि दिल्ली के कुछ किलोमीटर दूर ही स्थित मथुरा, अलीगढ़ में इनका आभाव है।
 

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चेन्नई एक ऐसी जगह है जहाँ पानी की बहुत कमी है। न्यायपालिका केवल शहर की लगभग आधी जरूरत को ही पूरा कर पाती है। कुछ इलाकों में पानी नियमित रूप से पानी आता है और कुछ इलाकों में बहुत कम पानी आता है। उन स्थानों में जहाँ पानी का भंडारण किया गया है। उसके आसपास के इलाके में ज़्यादा पानी आता है और दूर की बस्तियों में कम पानी मिलता है।
इस समस्या का सामना ज़्यादातर गरीब व्यक्ति को करना पड़ता है क्योंकि उच्च या माध्यम वर्ग का व्यक्ति इस समस्या का हल आसानी से ढूंढ़ लेता है। वे बोरवेल खोद कर या बोतलों का पानी खरीद कर अपना काम चला लेते हैं।

किसानों द्वारा चेन्नई के जल व्यापारियों को पानी बेचने से स्थानीय लोगों पर क्या असर पड़ रहा है? क्या आपको लगता है कि स्थानीय लोग भूमिगत पानी के इस दोहन का विरोध कर सकते हैं? क्या सरकार इस बारे में कुछ कर सकती है?

ऐसा क्यों है कि ज़्यादातर निजी अस्पताल और स्कूल कस्बों या ग्रामीण इलाकों की बजाय बड़े शहरों में ही है?
 

क्या आपको लगता है कि हमारे देश में जनसुविधाओं का वितरण पर्याप्त और निष्पक्ष हैं? अपनी बात के समर्थन में एक उदाहरण दीजिए।

अपने इलाके की पानी, बिजली, आदि कुछ जनसुविधाओं को देखें क्या उनमें सुधार की कोई गुंजाइश है? आपकी राय में क्या किया जाना चाहिए? इस तालिका को भरें।

  उसमें कैसे सुधार लाया जाए?

सार्वजानिक परिवहन

पानी    
बिजली    
सड़क    
सार्वजानिक परिवहन    

क्या आपके इलाके के सभी लोग उपरोक्त जनसुविधाओं का समान रूप से इस्तेमाल करते है? विस्तार से बताइएँ।

जनगणना के साथ-साथ कुछ जनसुविधाओं के बारे में भी आँकड़े इकठ्ठा किए जाते हैं। अपने शिक्षक के साथ चर्चा करें कि जनगणना का काम कब और किस तरह किया जाता है।

हमारे देश में निजी शैक्षिणक संसथान- स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान बड़े पैमाने पर खुलते जा रहे हैं। दूसरी तरफ सरकारी शिक्षा संस्थानों का महत्व कम होता जा रहा है। आपकी राय में इसका क्या असर हो सकता है? चर्चा कीजिए