महिलाएँ, जाति एवं सुधार
'मंदिर प्रवेश आंदोलन' के ज़रिए अम्बेडकर क्या हासिल करना चाहते थे?
सन् 1927 में अम्बेडकर जी ने मंदिर प्रवेश आंदोलन शुरू किया जिसमें महार जाती के लोगों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। 1927 से 1935 के बीच अम्बेडकर ने मंदिरो में प्रवेश के लिए ऐसे तीन आंदोलन चलाए। वह पूरे देश को दिखाना चाहते थे कि समाज में जातीय पूर्वाग्रहों की जकड़ कितनी मजबूत है।
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लड़कियों को स्कूल ने भेजने के पीछे लोगों के पास कौन-कौन से कारण होते थे?
ईसाई प्रचारकों की बहुत सारे लोग क्यों आलोचना करते थे? क्या कुछ लोगों ने उनका समर्थन भी किया होगा? यदि हाँ तो किस कारण?
अंग्रेज़ों के काल में ऐसे लोगों के लिए कौन से नए अवसर पैदा हुए जो 'निम्न' मानी जाने वाली जातियों से संबंधित थे?
ज्योतिराव और अन्य सुधारकों ने समाज में जातीय असमानतयों की आलोचनाओं को किस तरह सही ठहराया?
फुले ने अपनी पुस्तक गुलामगीरी को गुलामों की आज़ादी के लिए चल रहे अमेरिकी आंदोलन को समर्पित क्यों किया?
'मंदिर प्रवेश आंदोलन' के ज़रिए अम्बेडकर क्या हासिल करना चाहते थे?
ज्योतिराव फुले और रामास्वामी नायकर राष्ट्रीय आंदोलन की आलोचना क्यों करते थे? क्या उनकी आलोचना से राष्ट्रीय संघर्ष में किसी तरह की मदद मिली?
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