उपभोक्ता अधिकार
महात्मा गाँधी के विचारों और 'स्वराज' की अवधारणा के बारे में बागान मजदूरों की अपनी समझ थी।' कथन की पुष्टि कीजिए।
गाँधी जी के विचारों और 'स्वराज' की अवधारणा के बारे में मजदूरों की समझ -
i. बागानी मजदूरों के लिए आजादी का महत्त्व था कि वे उन चारदीवारियों से जब चाहे आ जा सकते हैं जिनमें उनको बंद करके रखा गया था।
ii. वे अपने गावों से संपर्क रख पाएंगे।
iii. बागानों में काम करने वाले मजदूरों को बिना इजाजत के बागान से बाहर जाने की छोट नहीं थी। उन्हें इजाजत कभी कभी मिलती थी।
iv. जब उन्होंने असहयोग आंदोलन के विषय में सुना तो हजारों मजदूर अपने अधिकारियों की अवहेलना करने लगे। उन्होंने बागान छोड़ दिए और अपने घरों को चल दिए।
v. उन्हें लगता था कि गाँधी राज आ रहा है। इसलिए अब तो हरेक को अपने गांव में जमीन मिल जाएगी।
Sponsor Area
निम्नलिखित को सुमेलित करें
सही या गलत बताएँ
भारत में उपभोक्ता आंदोलन के प्रारंभ होने के किन्हीं तीन कारणों का विश्लेषण कीजिए।
महात्मा गाँधी के विचारों और 'स्वराज' की अवधारणा के बारे में बागान मजदूरों की अपनी समझ थी।' कथन की पुष्टि कीजिए।
Sponsor Area
Sponsor Area