उपभोक्ता अधिकार

Question

महात्मा गाँधी के विचारों और 'स्वराज' की अवधारणा के बारे में बागान मजदूरों की अपनी समझ थी।' कथन की पुष्टि कीजिए।

Answer

गाँधी जी के विचारों और 'स्वराज' की अवधारणा के बारे में मजदूरों की समझ -
i. बागानी मजदूरों के लिए आजादी का महत्त्व था कि वे उन चारदीवारियों से जब चाहे आ जा सकते हैं जिनमें उनको बंद करके रखा गया था।
ii. वे अपने गावों से संपर्क रख पाएंगे।
iii. बागानों में काम करने वाले मजदूरों को बिना इजाजत के बागान से बाहर जाने की छोट नहीं थी। उन्हें इजाजत कभी कभी मिलती थी।
iv. जब उन्होंने असहयोग आंदोलन के विषय में सुना तो हजारों मजदूर अपने अधिकारियों की अवहेलना करने लगे। उन्होंने बागान छोड़ दिए और अपने घरों को चल दिए।
v. उन्हें लगता था कि गाँधी राज आ रहा है। इसलिए अब तो हरेक को अपने गांव में जमीन मिल जाएगी।

Sponsor Area

Some More Questions From उपभोक्ता अधिकार Chapter

भारत में उपभोक्ताओं को समर्थ बनाने के लिये सरकार द्वारा किन कानूनी मानदंडों को लागू करना चाहिए?

उपभोक्ताओं के कुछ अधिकारों को बताएँ और प्रत्येक अधिकार पर कुछ पंक्तियाँ लिखें।

उपभोक्ता अपनी एकजुटता का प्रदर्शन कैसे कर सकते हैं?

भारत में उपभोक्ता आंदोलन की प्रगति की समीक्षा करें।

निम्नलिखित को सुमेलित करें

सही या गलत बताएँ

बाज़ार में नियमों तथा विनियमों की आवश्यकता क्यों पड़ती है? कुछ उदाहरणों के द्वारा समझाएँ।

भारत में उपभोक्ता आंदोलन के प्रारंभ होने के किन्हीं तीन कारणों का विश्लेषण कीजिए।

महात्मा गाँधी के विचारों और 'स्वराज' की अवधारणा के बारे में बागान मजदूरों की अपनी समझ थी।' कथन की पुष्टि कीजिए।