सामान्य लोगों के जीवन का पुनर्निर्माण इतिहासकार कैसे करते हैं ?
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सामान्य लोगों के जीवन का पुनर्निर्माण करने में इतिहासकारों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है क्योंकि सामान्य लोगों ने अपने विचारों और अनुभवों के संबंध में शायद ही कोई वृत्तांत छोड़ा हो। फिर भी इतिहासकार सामान्य लोगों के जीवन का पुनर्निर्माण करने का प्रयास करते हैं क्योंकि इतिहास निर्माण में इन लोगों के द्वारा ही अहम् भूमिका निभाई गई । इस कार्य को पूरा करने के लिए इतिहास विभिन्न प्रकार के स्रोतों का सहारा लेते हैं।
- विभिन्न स्थानों पर खुदाई से अनाज के दाने तथा जानवरों की हड्डियाँ मिलती हैं जिससे यह पता चलता है कि वे किन फसलों से परिचित थे तथा किन पशुओं का पालन करते थे।
- भवनों और मृदभांडों से उनके घरेलू जीवन का पता चलता है।
- अभिलेखों से शिल्प उत्पादों का पता चलता है।
- भूमि अनुदान पत्रों से भी ग्रामीण जीवन की झांकी का पता चलता है। इनमें ग्राम के उत्पादन तथा ग्राम के वर्गों की जानकारी मिलती है।
- कुछ साहित्य भी सामान्य लोगों के जीवन पर प्रकाश डालता है। उदाहरण के लिए जातक कथाओं और पंचतंत्र की कहानियों से इस प्रकार के संदर्भ निकाले जाते हैं।
- विभिन्न ग्रंथों में नगरों में रहने वाले सर्वसाधारण लोगों का पता चलता है। इन लोगों में धोबी, बुनकर, लिपिक, बढ़ई, कुम्हार, स्वर्णकार, लौहार, छोटे व्यापारी आदि होते थे।