तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र

Question

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
लेखक ने ऐसा क्यों लिखा है कि 'तीसरी कसम' ने साहित्य-रचना के साथ शत-प्रतिशत न्याय किया है?

Answer

तीसरी कसम एक शुद्ध साहित्यिक फ़िल्म थी। इस कहानी के मूल स्वरुप में जरा भी बदलाव नहीं किया गया था। शैलेन्द्र ने इस फ़िल्म में दर्शकों के लिए किसी भी प्रकार के काल्पनिक मनोरंजन को जबरदस्ती ठूँसा नहीं गया था। शैलेंद्र ने धन कमाने के लिए फ़िल्म नहीं बनाई थी। उनका उद्देश्य एक सुंदर कृति बनाना था। इस फ़िल्म ने कहानी की मूल आत्मा अर्थात् भावुकता के साथ शत-प्रतिशत न्याय किया था इसलिए लेखक ने ऐसा लिखा है कि 'तीसरी कसम' ने साहित्य-रचना के साथ शत-प्रतिशत न्याय किया है। 

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Some More Questions From तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र Chapter

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
शैलेंद्र ने कितनी फ़िल्में बनाईं?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
राजकपूर द्वारा निर्देशित कुछ फिल्मों के नाम बताइए। 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
'तीसरी कसम' फ़िल्म के नायक व नायिकाओं के नाम बताइए और फ़िल्म में इन्होंने किन पात्रों का अभिनय किया है?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
फ़िल्म 'तीसरी कसम' का निर्माण किसने किया था?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
राजकपूर ने 'मेरा नाम जोकर' के निर्माण के समय किस बात की कल्पना भी नहीं की थी?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
राजकपूर की किस बात पर शैलेंद्र का चेहरा मुरझा गया?

 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
समीक्षक राजकपूर को किस तरह का कलाकार मानते थे? 

 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
'तीसरी कसम' फ़िल्म को 'सैल्यूलाइड पर लिखी कविता' क्यों कहा गया है?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
'तीसरी कसम' फ़िल्म को खरीददार क्यों नहीं मिल रहे थे?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
शैलेन्द्र के अनुसार कलाकार का कर्तव्य क्या है?