तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र

Question

'शैलेंद्र ने राजकपूर की भावनाओं को शब्द दिए हैं' - इस कथन से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।

Answer

राजकपूर अभिनय में मंझे हुए कलाकार थे और शैलेन्द्र एक अच्छे गीतकार थे। राजकपूर की छिपी हुई भावनाओं को शैलेन्द्र ने शब्द दिए। राजकूपर भावनाओं को आँखों के माध्यम से व्यक्त कर देते थे और शैलेंद्र उन भावनाओं को अपने गीतों से तथा संवाद से पूर्ण कर दिया करते थे। कहने का तात्पर्य यह है कि राजकपूर जो कुछ भी अपनी फिल्मों के माध्यम से कहना चाहते थे उसे गीतकार शैलेन्द्र अपने गीतों के माध्यम से प्रकट कर देते थे।

Sponsor Area

Some More Questions From तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र Chapter

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
राजकपूर की किस बात पर शैलेंद्र का चेहरा मुरझा गया?

 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
समीक्षक राजकपूर को किस तरह का कलाकार मानते थे? 

 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
'तीसरी कसम' फ़िल्म को 'सैल्यूलाइड पर लिखी कविता' क्यों कहा गया है?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
'तीसरी कसम' फ़िल्म को खरीददार क्यों नहीं मिल रहे थे?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
शैलेन्द्र के अनुसार कलाकार का कर्तव्य क्या है?

फ़िल्मों में त्रासद स्थितियों का चित्रांकन ग्लोरिफ़ाई क्यों कर दिया जाता है?

'शैलेंद्र ने राजकपूर की भावनाओं को शब्द दिए हैं' - इस कथन से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।

लेखक ने राजकपूर को एशिया का सबसे बड़ा शोमैन कहा है। शोमैन से आप क्या समझते हैं?

फ़िल्म 'तीसरी कसम' के गीत 'रातों दसों दिशाओं से कहेंगी अपनी कहानियाँ' पर संगीतकार जयकिशन ने आपत्ति क्यों की?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
राजकपूर द्वारा फ़िल्म की असफलता के खतरों से आगाह करने पर भी शैलेंद्र ने यह फ़िल्म क्यों बनाई?