तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र
फ़िल्मों में त्रासद स्थितियों का चित्रांकन ग्लोरिफ़ाई क्यों कर दिया जाता है?
फिल्मों में त्रासद स्थितियों का चित्रांकन ग्लोरिफाई इसलिए कर दिया जाता है जिससे कि दर्शकों का भावनात्मक शोषण किया जा सके और उन्हें फ़िल्म देखने के लिए मजबूर और आकर्षित किया जा सके। उनका उद्देश्य केवल टिकट-विंडो पर ज़्यादा से ज़्यादा टिकटें बिकवाना और अधिक से अधिक पैसा कमाना होता है। इसलिए दुख को बहुत बढ़ा-चढ़ा कर बताते हैं जो वास्तव में सच नहीं होता है। दर्शक उसे पूरा सत्य मान लेते हैं।
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फ़िल्मों में त्रासद स्थितियों का चित्रांकन ग्लोरिफ़ाई क्यों कर दिया जाता है?
'शैलेंद्र ने राजकपूर की भावनाओं को शब्द दिए हैं' - इस कथन से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
लेखक ने राजकपूर को एशिया का सबसे बड़ा शोमैन कहा है। शोमैन से आप क्या समझते हैं?
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