तोप
कवि ने तोप की दयनीय दशा का चित्रण करते हुए कहा है कि आज कंपनी बाग़ का तोप विनाश करने लायक नही है। चिड़ियाँ और गौरये उसपर बैठकर फुदकती रहती हैं। आखिरकार अब इस तोप को मुँह बन्द करना पड़ा। कोई कितना शक्तिशाली क्यों न हो, एक-न-एक दिन उसे धराशायी होना ही पड़ता है।
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कवि ने इस कविता में शब्दों का सटीक और बेहतरीन प्रयोग किया है। इसकी एक पंक्ति देखिए 'धर रखी गई है यह 1857 की तोप'। 'धर' शब्द देशज है और कवि ने इसका कई अर्थों में प्रयोग किया है।' रखना', 'धरोहर' और 'संचय' के रूप में।
'तोप' शीर्षक कविता का भाव समझते हुए इसका गद्य में रूपांतरण कीजिए।
घर वालों के मना करने पर भी टोपी का लगाव इफ़्फ़न के घर और उसकी दादी से क्यों था? दोनों के अनजान, अटूट रिश्ते के बारे में मानवीय मूल्यों की दृष्टि से अपने विचार लिखिए।
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