यशपाल-लखनवी अन्दाज़
लेखक के विचार में नवाब साहब ने अकेले में सफर काटने के लिए खीरे खाने के लिए खरीद लिए होंगे। अब वे खीरे इसलिए नहीं खा रहे क्योंकि उन्हें इस बात का संकोच हो रहा है कि उस सज्जन के सामने वे खीरे जैसी मामूली वस्तु कैसे खाएं?
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