रामवृक्ष बेनीपुरी- बालगोबिन भगत
इस कथन से भगत के चरित्र की दृढ़ता का पता चलता है कि वे अपनी कही हुई बात पर सदा अटल रहते थे। उनकी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं था। इसलिए वे अपनी पतोहू के तर्को को नहीं मानते और उसे उसके भाई के साथ भेज देते हैं जिससे वह उसका पुनर्विवाह करा सके।
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