पद
निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए:
पहले पद में मीरा ने हरि से अपनी पीड़ा हरने की विनती किस प्रकार की है?
मीरा ने हरी से अपनी पीड़ा हरने की विनती करते हुए अनेक भक्तों के उदहारण दिए हैं जिनकी श्रीकृष्ण ने संकट के समय रक्षा की एवं उनके दुखों को दूर किया वह कहती हैं कि- हे प्रभु! जिस प्रकार आपने द्रोपदी का वस्त्र बढ़ाकर भरी सभा में उसकी लाज रखी, प्रह्लाद को को बचाने के लिए जिस प्रकार नरसिंह का रुप धारण करके हिरण्यकश्यप को मारा था।मगरमच्छ ने जब हाथी को अपने मुँह में ले लिया तो उसे बचाया और पीड़ा भी हरी। हे प्रभु! इसी तरह मैं भी पीड़ित हूँ , मेरी भी पीड़ा हरो।
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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
वे श्रीकृष्ण को पाने के लिए क्या-क्या कार्य करने को तैयार हैं?
उदाहरण के आधार पर पाठ में आए निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित रुप लिखिए-
उदाहरण − भीर − पीड़ा/कष्ट/दुख; री − की
चीर ............... बूढ़ता ...............
धर्यो ............... लगास्यूँ ...............
कुण्जर ............... घणा ...............
बिन्दरावन ............... सरसी ...............
रहस्यूँ ............... हिवड़ा ...............
राखो ............... कुसुम्बी ...............
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