स्वयं प्रकाश - नेताजी का चश्मा
सेवा में
प्रधानाचार्य,
केंद्रीय विद्यालय,
दिल्ली कैंट।
मान्यवर महोदय,
आपको विदित ही है कि हमारे विद्यालय में अनेक ऐसे विद्यार्थी हैं जो किसी न किसी रूप से शारीरिक विकलांगता से युक्त हैं। उन्हें विद्यालय में प्रथम अथवा द्वितीय तल पर स्थित कक्षाओं में जाने तथा प्रसाधन कक्षों का प्रयोग करने में बहुत कठिनाई होती है। आप से प्रार्थना है कि शारीरिक रूप से असमर्थ विद्यार्थियों की कक्षाएं निचले तल पर लगाई जाएं तथा सीढ़ियों के साथ-साथ रैंप भी बनाए जाएं जिससे उन्हें आने-जाने में तकलीफ न हो। उनके लिए पुस्तकालय, प्रसाधन कक्षों में भी समुचित व्यवस्था की जाए।
आशा है आप हमारी प्रार्थना को स्वीकार कर समुचित प्रबंध कराएंगे।
धन्यवाद,
भवदीप
राघव मेनन
मुख्य विद्यार्थी कक्षा दसवीं
दिनांक 15 मार्च, 20..
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“वो लँगड़ा क्या जाएगा फ़ौज में। पागल है पागल!”
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