स्वयं प्रकाश - नेताजी का चश्मा
चौराहे पर लगी मूर्ति के प्रति हमारा और दूसरे लोगों का यह उत्तरदायित्व होना चाहिए कि उस मूर्ति के प्रति आदर और सम्मान की भावना हो। दूसरे लोगों को मूर्ति वाले व्यक्ति के व्यक्ति से परिचित कराया जाए। इसके लिए समय-समय पर वहाँ पर देशभक्ति के समागम होने चाहिए, जिससे आम व्यक्ति में देशभक्ति की भावना प्रबल हो। उस मूर्ति के सामने से जब भी निकलो उसके आगे नतमस्तक हों। उनके द्वारा किए गए कार्यो को याद करके उन्हें अमल में लाने का प्रयत्न करें।
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“वो लँगड़ा क्या जाएगा फ़ौज में। पागल है पागल!”
कैप्टन के प्रति पानवाले की इस टिप्पणी पर आपकी क्या प्रतिक्रिया लिखिए।
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