रामवृक्ष बेनीपुरी- बालगोबिन भगत

Question

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
न जाने वह कौन-सी प्रेरणा थी, जिसने मेरे ब्राह्‌मण का गर्वोन्नत सिर उस तेली के निकट झुका दिया था। जब-जब वह सामने आता, मैं झुककर उससे राम-राम किए बिना नहीं रहता। माना, वे मेरे बचपन के दिन थे, किंतु ब्राह्‌मणता उस समय सोलहो कला से मुझ पर सवार थी। दोनों शाम संध्या की जाती, गायत्री का जाप होता, धूप हवन जलाए जाते, चंदन-तिलक किया जाता और इन सारी चेष्टाओं से ‘ब्रहम’ को जानकर पक्का ‘ब्राह्मण’ बनने की कोशिशें होतीं- ब्रहम जानाति ब्राह्मण:!

लेखक किस को जानना चाहता था?
  • कृष्ण
  • राम
  • दुर्गा
  • ब्रह्म

Answer

D.

ब्रह्म

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Some More Questions From रामवृक्ष बेनीपुरी- बालगोबिन भगत Chapter

खेती-बारी से जुड़े गृहस्थ बालगोबिन भगत अपनी किन चारित्रिक विशेषताओं के कारण साधु कहलाते थे?

भगत की पुत्रवधू उन्हें अकेले क्यों नहीं छोड़ना चाहती थी?

भगत ने अपने बेटे की मृत्यु पर अपनी भावनाएं किस तरह व्यक्त कीं?

भगत के व्यक्तित्व और उनकी बेशभूषा का अपने शब्दों में चित्र प्रस्तुत कीजिए।

बालगोबिन भगत की दिनचर्या लोगों के अचरज का कारण क्यों थी?

पाठ के आधार पर भगत के मधुर गायन की विशेषताँ लिखिए।

कुछ मार्मिक प्रसंगों के आधार पर यह दिखाई देता है कि बालगोबिन भगत प्रचलित सामाजिक मान्यताओं को नहीं मानते थे। पाठ के आधार पर उन प्रसंगों का उल्लेख कीजिये

धान की रोपाई के समय समूचे माहौल को भगत की स्वर लहरियाँ किस तरह चमत्कृत कर देती थी? उस माहौल का शब्द चित्र प्रस्तुत करें।

पाठ के आधार पर बताएँ कि बालगोबिन भगत की कबीर पर श्रद्धा किन-किन रूपों में प्रकट हुई है?

आपकी दृष्टि में भगत की कबीर पर अगाध श्रद्धा के क्या कारण रहे होंगे?