रामवृक्ष बेनीपुरी- बालगोबिन भगत

Question

बालगोबिन भगत का गंगा स्नान पर जाते समय क्या नियम था?

Answer

बालगोबिन भगत हर वर्ष गंगा स्नान पर जाते थे। गंगा-स्नान के बहाने उन्हें संतों के दर्शन हो जाते थे। गंगा उनके गाँव से तीस कोस दूर थी। वहाँ जाने में चार-पाँच दिन लग जाते थे। वे गंगा स्नान जाते समय अपने घर से ही खा कर चलते थे और वापस अपने घर पर ही आकर खाते थे। उनके अनुसार यदि वे साधु हैं तो साधु को कहीं आते-जाते समय खाने की क्या आवश्यकता है और यदि वे गृहस्थी हैं तो गृहस्थी को भिक्षा मांगकर खाना अच्छा नहीं है। इसलिए वे दोनों कारणों से मार्ग में खाना नहीं लेते थे। मार्ग में प्यास लगने पर पानी अवश्य पीते थे।  

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भगत ने अपने बेटे की मृत्यु पर अपनी भावनाएं किस तरह व्यक्त कीं?

भगत के व्यक्तित्व और उनकी बेशभूषा का अपने शब्दों में चित्र प्रस्तुत कीजिए।

बालगोबिन भगत की दिनचर्या लोगों के अचरज का कारण क्यों थी?

पाठ के आधार पर भगत के मधुर गायन की विशेषताँ लिखिए।

कुछ मार्मिक प्रसंगों के आधार पर यह दिखाई देता है कि बालगोबिन भगत प्रचलित सामाजिक मान्यताओं को नहीं मानते थे। पाठ के आधार पर उन प्रसंगों का उल्लेख कीजिये

धान की रोपाई के समय समूचे माहौल को भगत की स्वर लहरियाँ किस तरह चमत्कृत कर देती थी? उस माहौल का शब्द चित्र प्रस्तुत करें।

पाठ के आधार पर बताएँ कि बालगोबिन भगत की कबीर पर श्रद्धा किन-किन रूपों में प्रकट हुई है?

आपकी दृष्टि में भगत की कबीर पर अगाध श्रद्धा के क्या कारण रहे होंगे?

गाँव का सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश आषाढ़ चढ़ते ही उल्लास से क्यों भर जाता है?

“ऊपर की तस्वीर से यह नहीं माना जाए कि बालगोबिन भगत साधु थे।” क्या साधु की पहचान पहनावे के आधार पर की जानी चाहिए? आप किन आधारों पर यह सुनिश्चित करेंगे कि अमुक व्यक्ति ‘साधु’ है?