रामवृक्ष बेनीपुरी- बालगोबिन भगत
गाँव का सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश में आषाढ़ चढ़ते ही विशेष उल्लास दिखाई देता है। जेठ की तपती गर्मी से आषाढ़ की ठंडी पुरवाई छुटकारा दिलाती है। आषाढ़ में बारिश की रिमझिम शुरू हो जाती है। उस समय खेतों में धान की फसल की रोपाई आरंभ हो जाती है। धान की रोपाई करते समय किसान और उसका परिवार बहुत प्रसन्न दिखाई देते हैं क्योंकि यह फसल उनके सपनों को पूरा करती है। गाँव के सभी लोग खेतों में दिखाई देते हैं। चारों तरफ बैलों के गले की घंटियों की आवाजें, मिट्टी और पानी में छप-छप करते बच्चे तथा खेतों की मंडेर पर आदमियों के लिए खाना लिए बैठी औरतें। यह सब दृश्य मन में उल्लास भर देता है और चारों ओर मेले जैसा वातावरण होता है।
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