स्वयं प्रकाश - नेताजी का चश्मा
कैप्टन चश्मे बेचने का काम करता है। उसकी अपनी कोई दुकान नहीं है। वह फेरी लगाकर चश्मे बेचता है।
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“वो लँगड़ा क्या जाएगा फ़ौज में। पागल है पागल!”
कैप्टन के प्रति पानवाले की इस टिप्पणी पर आपकी क्या प्रतिक्रिया लिखिए।
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