स्वयं प्रकाश - नेताजी का चश्मा
कैप्टन एक बहुत ही बुढा, कमजोर-सा लंगड़ा व्यक्ति है। उसने अपने सिर पर गाँधी टोपी पहनी हुई है। उसने अपनी आँखों पर काला चश्मा लगाया हुआ है। उसके एक हाथ में एक छोटी-सी संदूकची और दूसरे हाथ में एक बांस पर टंगे हुए बहुत से चश्मे हैं।
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“वो लँगड़ा क्या जाएगा फ़ौज में। पागल है पागल!”
कैप्टन के प्रति पानवाले की इस टिप्पणी पर आपकी क्या प्रतिक्रिया लिखिए।
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