खानपान की बदलती तसवीर

Question

खानपान के मामले में स्थानीयता का क्या अर्थ है ?

Answer

यहाँ स्थानीयता का अर्थ किसी विशेष प्रांत के लोकप्रिय व्यंजन से है। जैसे- बम्बई की पाव-भाजी, दिल्ली के छोले कुलछे, मथुरा के पेड़े और आगरा के पेठे, नमकीन आदि। लेकिन खानपान के बदलते नए रूप के कारण अब इनकी लोकप्रियता कम होती जा रही है।

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Some More Questions From खानपान की बदलती तसवीर Chapter

यहाँ खाने, पकाने और स्वाद से संबंधित कुछ शब्द दिए गए हैं। इन्हें ध्यान से देखिए और इनका वर्गीकरण कीजिए –

उबालना,  तलना,   भूनना,   सेंकना,   दाल,   भात,  रोटी,   पापड़,

आलू,   बैंगन,  खट्टा,  मीठा,    तीखा,   नमकीन, कसैला

 

भोजन

कैसे पकाया

स्वाद

   

 

 

 

पिछली शताब्दी में खानपान की बदलती हुई तसवीर का खाका खींचें तो इस प्रकार होगा-

सन्‌ साठ का दशक

छोले-भटूरे

सन्‌ सत्तर का दशक

इडली, डोसा

सन्‌ अस्सी का दशक

तिब्बती (चीनी) भोजन

सन्‌ नब्बे का दशक

पीज़ा, पाव-भाजी

  • इसी प्रकार आप कुछ कपड़ों या पोशाकों की बदलती तसवीर का खाका खींचिए।

खानपान शब्द, खान और पान दो शब्दों को जोड़कर बना है। खानपान शब्द में और छिपा हुआ है। जिन शब्दों के योग में औरअथवाया जैसे योजक शब्द छिपे हों, उन्हें द्वंद्व समास कहते हैं। नीचे द्वंद्व समास के कुछ उदाहरण दिए गए हैं। इनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए और अर्थ समझिए –

 

सीना-पिरोना     भला-बुरा      चलना-फिरना

लंबा-चौड़ा         कहा-सुनी      घास-फूस

कई बार एक शब्द सुनने या पढ़ने पर कोई और शब्द याद आ जाता है। आइए शब्दों की ऐसी कड़ी बनाएँ। नीचे शुरुआत की गई है। उसे आप आगे बढ़ाइए।

कक्षा में मौखिक सामूहिक गतिविधि के रूप में भी इसे दिया जा सकता है-

इडलीदक्षिणकेरलओणम्‌–त्योहारछुट्ठीआराम