शाम – एक किसान
इस कविता में शाम के दृश्य को किसान के रूप में दिखाया गया है-यह एकरूपक है। इसे बनाने के लिए पाँच एकरूपताओं की जोड़ी बनाई गई है। उन्हें उपमा कहते हैं। पहली एकरूपता आकाश और साफ़े में दिखाते हुए कविता में ‘आकाश का साफ़ा’ वाक्यांश आया है। इसी तरह तीसरी एकरूपता नदी और चादर में दिखाई गई है, मानो नदी चादर-सी हो। अब आप दूसरी, चौथी और पाँचवी एकरूपताओं को खोजकर लिखिए।
कविता में एकरूपता बनाने वाली उपमाएँ-
(i) सूरज – चिलम
(ii) पहाड़ – किसान
(iii) आकाश – साफ़ा
(iv) अंधकार – भेड़ों का गल्ला
(v) पलाश का जंगल – अंगीठी
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