हामिद खाँ - एस. के पोट्टेकाट
हामिद खाँ पाकिस्तान का रहने वाला था। वह एक भला आदमी था। मानवीय भावनाओं का उसके जीवन में बहुत महत्व था। भूख के कारण होटल ढूँढते हुए जब लेखक तंग गलियों में स्थित हामिद खाँ के होटल पर पहुँच गए वहाँ उनकी मेहमानवाजी अच्छा इंसान समझ कर की गई। खाने के बदले लेखक पैसे देना चाहता था परन्तु हामिद खाँ ने उन्हें लेने से इंकार कर दिया। एक रूपए के नोट को वापिस करते हुए हामिद खाँ ने कहा कि मैनें आपसे पैसे ले लिए, लेकिन मैं चाहता हूँ कि ये पैसे आपके पास रहें। आप जब भारत पहुँचे तो उनकी मेहमानवाजी को याद रखें। लेखक की इनसानियत व उनकी मेल-मिलाप की बातों से हामिद खाँ प्रभावित हुए थे इसलिए उन्होनें मेहमानवाजी के पैसे लेने से इंकार कर दिया।
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