हामिद खाँ - एस. के पोट्टेकाट

Question

‘काश मैं आपके मुल्क में आकर यह सब अपनी आँखों से देख सकता’–हामिद ने ऐसा क्यों कहा?

Answer

लेखक ने हामिद खाँ को हिंदु मुसलमान संबंधो के बारे में बुताया उन्हे पहले तो विश्वास नहीं हुआ क्योंकि पाकिस्तान में मुसलमानों को अत्याचार करने वालों की संतान समझा जाता था जाता था। लेखक ने हामिद खाँ को बताया कि भारत में हिंदु मुसलमान मिलकर रहते हैं। एक-दुसरे के त्योहारों में सम्मिलित होते हैं। हिंदू मुसलमानों के बीच दंगे न के बराबर होते हैं। मुसलमानों की मसजिद हिंदुओं के निवास स्थान के पास दिखाई देती है। हामिद खाँ विश्वास ही नही कर पाए कि वे हिन्दु हैं और इतने गौरव से एक मुसलिम से बात कर रहें है। मुसलमानी होटल में भी भारत में खाना खाने में किसी हिंदू को कोई फर्क नहीं पड़ता। लेखक द्वारा हिंदू मुसलमान की एकता भरी बातों पर हामिद खाँ पहले तो भरोसा नहीं कर पाए इसलिए वे उनके देश में आकर ये सब देखना चाहते थे।

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Some More Questions From हामिद खाँ - एस. के पोट्टेकाट Chapter

लेखक का परिचय हामिद खाँ से किन परिस्थितियों में हुआ?

‘काश मैं आपके मुल्क में आकर यह सब अपनी आँखों से देख सकता’–हामिद ने ऐसा क्यों कहा?

हामिद को लेखक की किन बातों पर विश्वास नहीं हो रहा था?

हामिद खाँ ने खाने का पैसा लेने से इकार क्यों किया?

मालाबार में हिन्दू-मुसलमानों के परस्पर संबंधों को अपने शब्दों में लिखिए।

तक्षशिला में आगजनी की खबर पढ़कर लेखक के मन में कौन-सा विचार कौधा? इससे लेखक के स्वभाव की किस विशेषता का पता चलता हैं?

'हामिद खाँ’ हिन्दू-मुसलमान संबंधों के विषय में क्या चाहता था?

हामिद खाँ ने लेखक को पैसे किसलिए वापस किए?

लेखक पाकिस्तान किस उदेश्य से गया था?