एक कुत्ता और एक मैना
प्रस्तुत पाठ एक निबंध है। निबंध गद्य-साहित्य की उत्कृष्ट विधा है, जिसमें लेखक अपने भावों और विचारों को कलात्मक और लालित्यपूर्ण शैली में अभिव्यक्त करता है। इस निबंध में उपर्युक्त विशेषताएँ कहाँ झलकती हैं ? किन्हीं चार का उल्लेख कीजिए।
(1) आश्रम के अधिकांश लोग बाहर चले गए, एक दिन हमने सपरिवार उनके 'दर्शन' की ठानी।
(2) प्रतिदिन प्रात:काल यह भक्त कुत्ता स्तब्ध होकर आसन के पास तब तक बैठा रहता है, जब तक अपने हाथों के स्पर्श से मैं इसका संग स्वीकार नहीं करता। इतनी सी स्वीकृति पाकर ही उसके अंग-अंग में आनंद का प्रवाह बह उठता है।
(3) उस समय लँगड़ी मैना फुदक रही थी। गुरुदेव ने कहा ''देखते हो, यह यूथभ्रष्ट है। रोज फुदकती है, ठीक यही आकर मुझे इसकी चाल में एक करुण भाव दिखाई देता है।''
(4) उस समय भी न जाने किस सहज बोध के बल पर वह कुत्ता आश्रम के द्वार तक आया और चिताभस्म के साथ गंभीर भाव से उत्तरायण तक गया।
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निम्नलिखित वाक्यों में कर्म के आधार पर क्रिया-भेद बताइए ।
मीना कहानी सुनाती है।
निम्नलिखित वाक्यों में कर्म के आधार पर क्रिया-भेद बताइए ।
अभिनव सो रहा है।
निम्नलिखित वाक्यों में कर्म के आधार पर क्रिया-भेद बताइए ।
गाय घास खाती है।
निम्नलिखित वाक्यों में कर्म के आधार पर क्रिया-भेद बताइए ।
मोहन ने भाई को गेंद दी।
निम्नलिखित वाक्यों में कर्म के आधार पर क्रिया-भेद बताइए ।
लड़कियाँ रोने लगीं।
नीचे पाठ में से शब्द-युग्मों के कुछ उदाहरण दिए गए हैं; जैसे -
समय - असमय, अवस्था-अनवस्था
इन शब्दों में 'अ' उपसर्ग लगाकर नया शब्द बनाया गया है।
पाठ में से कुछ शब्द चुनिए और उनमे 'अ' एवं 'अन्' उपसर्ग लगाकर नए शब्द बनाइए।
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