शुक्रतारे के सामान - स्वामी आनंद

Question

महादेव भाई के अध्ययन की प्रवृत्ति पर प्रकाश डालिए।

Answer

महादेव भाई साहित्यिक पुस्तकों की तरह राजनीतिक प्रवाहों और घटनाओं से सम्बन्धित जानकारी देने वाली पुस्तकें भी पढ़ते रहते थे। हिंदुस्तान से संबंधित देश-विदेश की ताजी-से-ताजी राजनीतिक गतिविधियों और चर्चाओं की नई से नई जानकारी अनके पास मिल सकती थी। सभाओ में, कमेटियों की बैठकों में या दौड़ती रेलगाड़ियों के डिब्बों में ऊपर की बर्थ पर बैठकर ठँस हंसकर भरे अपने बड़े-बड़े झोलो मे रखे ताजे-से-ताजे समाचार पत्रों, मासिक पत्र और पुस्तकें पढ़ते रहते अथवा यंग-इंडिया और नवजीवन के लिए लेख लिखते रहते।

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Some More Questions From शुक्रतारे के सामान - स्वामी आनंद Chapter

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
 गांधीजी ने ‘यंग इडिया’ प्रकाशित करने के विषय में क्या निश्चय किया?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
गांधीजी से मिलने से पहले महादेव भाई कहाँ नौकरी करते थे?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
महादेव भाई के झोलों में क्या भरा रहता था?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
महादेव भाई ने गांधीजी की कौन-सी प्रसिद्ध पुस्तक का अनुवाद किया था?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
अहमदाबाद से कौन-से दो साप्ताहिक पत्र निकलते थे?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
महादेव भाई दिन में कितनी देर काम करते थे?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
महादेव भाई से गांधीजी की निकटता किस वाक्य से सिद्ध होती है?

(क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25- 30) शब्दों में लिखिए-
गांधीजी ने महादेव को अपना वारिस कब कहा था?

(क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25- 30) शब्दों में लिखिए-
गांधीजी से मिलने आनेवाले के लिए महादेव भाई क्या करते थे?

(क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25- 30) शब्दों में लिखिए-
महादेव भाई की साहित्यिक देन क्या है?