शुक्रतारे के सामान - स्वामी आनंद
महादेव भाई साहित्यिक पुस्तकों की तरह राजनीतिक प्रवाहों और घटनाओं से सम्बन्धित जानकारी देने वाली पुस्तकें भी पढ़ते रहते थे। हिंदुस्तान से संबंधित देश-विदेश की ताजी-से-ताजी राजनीतिक गतिविधियों और चर्चाओं की नई से नई जानकारी अनके पास मिल सकती थी। सभाओ में, कमेटियों की बैठकों में या दौड़ती रेलगाड़ियों के डिब्बों में ऊपर की बर्थ पर बैठकर ठँस हंसकर भरे अपने बड़े-बड़े झोलो मे रखे ताजे-से-ताजे समाचार पत्रों, मासिक पत्र और पुस्तकें पढ़ते रहते अथवा यंग-इंडिया और नवजीवन के लिए लेख लिखते रहते।
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