गाँधी जी के पास देश-विदेश के अनेक लोगों के पत्र आते थे। सभी प्रांतो के देशभक्त व क्रांतिकारी उन्हें पत्र लिखते थे। उनके पास विश्व के अनेक लेखकों, नेताओं और संवादाताओं के पत्र आते थे।
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