शुक्रतारे के सामान - स्वामी आनंद
1. महादेव भाई अपना परिचय 'पीर-बावचीं-मिश्ती-खर’ के रूप में दिया करते थे।
2. पीड़ितों के दल-के-दल गामदेवी के मणिभवन पर उमड़ा करते थे।
3. दोनों साप्ताहिक अहमदाबाद से निकला करते थे।
4. देश-विदेश के समाचार-पत्र गाँधीजी की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी किया करते थे।
5. गाँधीजी के पत्र हमेशा महादेव की लिखावट में जाया करते थे।
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